Bhai Dooj 2024: भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते की अनमोल भावनाओं को सजीव करता है। इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाकर,( Bhai Dooj 2024 ) उसे मिठाई खिलाकर और आरती उतारकर, उसकी लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने प्यार और जिम्मेदारी का इज़हार करते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, समर्पण और सुरक्षा के अनूठे संगम का प्रतीक है।
इस दिन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी हैं जो भाई दूज की परंपरा और उसके महत्व को उजागर करती हैं। इनमें सबसे प्रचलित कथा भगवान यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की है, जिनके मिलन के प्रतीक स्वरूप भाई दूज का यह पर्व मनाया जाता है। इसी के साथ शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए, बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं ताकि उनके जीवन में हमेशा सुख, समृद्धि और सुरक्षा बनी रहे।
लेकिन इस शुभ अवसर पर कुछ गलतियों से बचना भी आवश्यक है, क्योंकि इनसे पर्व की पवित्रता में कमी आ सकती है। आज हम जानेंगे कि भाई दूज के इस विशेष दिन पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि यह पर्व सच्चे अर्थों में भाई-बहन के रिश्ते को और भी प्रगाढ़ बना सके।
भाई दूज की पौराणिक कथा
भाई दूज का पर्व मनाए जाने के पीछे यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस कथा के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना के घर उनसे मिलने पहुंचे। यमुनाजी ने बड़े प्रेम और श्रद्धा के साथ अपने भाई का स्वागत किया, तिलक लगाकर आरती उतारी और उन्हें भोजन कराया। इससे यमराज बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुनाजी को वरदान दिया कि जो भाई इस दिन यमुना नदी में स्नान करेगा और इस दिन बहन के हाथों तिलक ग्रहण करेगा, उसे मृत्यु के पश्चात यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। यही कारण है कि भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त
भाई दूज के पावन पर्व पर बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं। 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से लेकर 3:22 बजे तक है। इस अवधि में तिलक करना विशेष शुभ माना गया है, और इससे भाई-बहन के रिश्ते में और भी मजबूती आती है।
भाई दूज पर न करें ये 5 गलतियां
- तिलक से पहले उपवास करें
बहनों को अपने भाइयों को तिलक करने से पहले अन्न-जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। यह मान्यता है कि तिलक करने के बाद ही भाई-बहन दोनों भोजन करें, इससे पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। - झूठ और कलह से बचें
भाई-बहन के प्रेम को मजबूत बनाए रखने के लिए भाई को आज के दिन अपनी बहन से किसी भी प्रकार का झूठ नहीं बोलना चाहिए। साथ ही, इस विशेष दिन किसी तरह के विवाद या झगड़े से बचना चाहिए। - दिशा का ध्यान रखें
तिलक करते समय दिशा का विशेष महत्व है। तिलक के दौरान भाई उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में और बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। - मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन न करें
भाई दूज के इस पवित्र दिन पर मांसाहार और नशीले पदार्थों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। -
काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें
भाई दूज पर काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है और इस पवित्र दिन पर अशुभ समझा जाता है।
इस तरह, भाई दूज के दिन इन बातों का ध्यान रखते हुए भाई-बहन इस पर्व को और भी शुभ और मंगलमय बना सकते हैं।