दिवाली: एक महत्वपूर्ण त्योहार और सिंधी समाज की धार्मिक परंपराएं
समारोह के दौरान समाज के लोगों ने कहा, “दिवाली हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है।” सिंधी जाति के लोग भी सनातनी हैं, इसलिए वे भी अपने घरों को दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाकर रोशनी करते हैं। दीपक जलाने के साथ-साथ, वे अपने घरों और मंदिरों में पारंपरिक तरीके से भगवान गणेश, लक्ष्मी, और सरस्वती की पूजा भी करते हैं।
पूजा की विशेषताएं
पूजा में हटड़ी का होना आवश्यक होता है। हटड़ी एक छोटा घर या दुकान होती है, और इसे उन घरों की संख्या के बराबर रखा जाता है, जहां बेटे होते हैं। इस हटड़ी में एक दीया जलाकर, दूध और पानी की कटोरी में चांदी के सिक्के डालकर पूरा परिवार लक्ष्मी जी की आरती करता है। इसके बाद, इन सिक्कों से लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
त्योहार का समापन
पूजा के बाद, समाज मेलूडा जलाते हैं और घर में सात प्रकार की सब्जियों की भाजी खिलाकर बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। इस प्रकार, दिवाली केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह परिवार, एकता और समृद्धि का प्रतीक भी है।