Kuber Temple Pushkar: पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा के मंदिर में विराजमान धन कुबेर के (Kuber Temple Pushkar)मंदिर का वर्ष में एक बार पट खोला जाता है. धनतेरस के मौके पर हाथी पर बैठे भगवान धन कुबेर की विधिवत पूजा-अर्चना और अभिषेक किया गया. इस खास मौके पर भगवान धन कुबेर के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु ब्रह्मा मंदिर में जुटे.
पुष्कर में भगवान कुबेर का अद्वितीय मंदिर: धनतेरस पर विशेष पूजा
पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के परिसर में भगवान कुबेर का एक भव्य मंदिर भी स्थित है, जहां धनतेरस के दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान कुबेर के आशीर्वाद से अपने घर परिवार में धन और संपदा की कामना करते हैं। भगवान धन कुबेर हाथी पर विराजमान हैं, और उनकी पूजा करने का यह अवसर साल में केवल एक बार आता है।
एकमात्र मंदिर जिसके पट वर्ष में एक बार खुलते हैं
धनतेरस के मौके पर, भगवान कुबेर के मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। त्रयोदशी के दिन, मंगलवार को, भगवान कुबेर की विशेष पूजा की गई। जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने बताया कि यहां के द्वारपाल देवताओं में इंद्र और भगवान धन कुबेर शामिल हैं।
इस विशेष दिन पर विधिवत पूजा-अर्चना, पंचामृत से अभिषेक, और विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद महाआरती कर भोग अर्पित किया गया, और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। वर्षों से, यह परंपरा चली आ रही है कि भगवान धन कुबेर के मंदिर के कपाट केवल धनतेरस के दिन ही खोले जाते हैं।
धन कुबेर के दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
पंडित वशिष्ठ ने जानकारी दी कि भगवान धन कुबेर के दर्शनों के लिए हजारों श्रद्धालु पुष्कर और आसपास के जिलों से ही नहीं, बल्कि देश के अन्य कोनों से भी पहुंचे। तीर्थ यात्रियों ने भगवान कुबेर से प्रार्थना की कि देश में उन्नति और खुशहाली बनी रहे। उन्होंने कहा कि भगवान धन कुबेर की पूजा से परिवार में समृद्धि और धन की उपलब्धता हमेशा बनी रहती है।
पुष्कर में भगवान कुबेर का अद्वितीय मंदिर: धनतेरस पर विशेष पूजा
पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के परिसर में भगवान कुबेर का एक भव्य मंदिर भी स्थित है, जहां धनतेरस के दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान कुबेर के आशीर्वाद से अपने घर परिवार में धन और संपदा की कामना करते हैं। भगवान धन कुबेर हाथी पर विराजमान हैं, और उनकी पूजा करने का यह अवसर साल में केवल एक बार आता है।
एकमात्र मंदिर जिसके पट वर्ष में एक बार खुलते हैं
धनतेरस के मौके पर, भगवान कुबेर के मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। त्रयोदशी के दिन, मंगलवार को, भगवान कुबेर की विशेष पूजा की गई। जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने बताया कि यहां के द्वारपाल देवताओं में इंद्र और भगवान धन कुबेर शामिल हैं।
इस विशेष दिन पर विधिवत पूजा-अर्चना, पंचामृत से अभिषेक, और विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद महाआरती कर भोग अर्पित किया गया, और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। वर्षों से, यह परंपरा चली आ रही है कि भगवान धन कुबेर के मंदिर के कपाट केवल धनतेरस के दिन ही खोले जाते हैं।
धन कुबेर के दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
पंडित वशिष्ठ ने जानकारी दी कि भगवान धन कुबेर के दर्शनों के लिए हजारों श्रद्धालु पुष्कर और आसपास के जिलों से ही नहीं, बल्कि देश के अन्य कोनों से भी पहुंचे। तीर्थ यात्रियों ने भगवान कुबेर से प्रार्थना की कि देश में उन्नति और खुशहाली बनी रहे। उन्होंने कहा कि भगवान धन कुबेर की पूजा से परिवार में समृद्धि और धन की उपलब्धता हमेशा बनी रहती है।