नवरात्रि के 9 दिनों में इस समय दुर्गा सप्तशती पाठ करने से पाएंगे खूब लाभ…..

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जयपुर के प्राचीन आमेर किले पर स्थित शिला माता के दर्शन किजिए

जयपुर,

नवरात्र शुरू होने के साथ ही माता के भक्त तंत्र साधना और पूजा पाठ में रत हो जाते है। नवरात्र में हर मन्दिर के साथ घरों में भी दुर्गा सप्तशती के पाठ नियमित रूप से किए जाते है।
ये है दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही तरीका..

दुर्गा सप्तशती का पाठ यदि नवरात्रि में किया जाए तो वह विशेष फल देता है। मान्यता है कि विशेष समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो व्यक्ति की मनोकामना जल्द पूरी होती है। सबसे पहले, नवार्ण मंत्र, कवच, कीलक, और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें। पाठ करने से पहले, पुस्तक को साफ़ जगह पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें। पूजन के लिए कुमकुम, चावल, और पुष्प का इस्तेमाल करें। माथे पर रोली लगाकर पूर्वाभिमुख होकर चार बार आचमन करें।
पाठ करते समय, ब्रह्मचर्य और पवित्रता का ध्यान रखें। पाठ जल्दबाज़ी में न करें और शब्दों का उच्चारण साफ़ और लय में होना चाहिए। पाठ के दौरान बीच में न उठें और न बोलें। पाठ करते समय सफ़ाई का विशेष ध्यान दें।

दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय को एक ही दिन में पूरा करने का है विधान
अगर किसी वजह से पाठ पूरा न हो पाए, तो नौ दिनों में पूरा कर लें।अगर आपको संस्कृत में पाठ करने में परेशानी हो, तो हिन्दी में भी पाठ कर सकते हैं। पाठ करते समय, मन को इधर-उधर की बातों में न भटकने दें।पाठ के दौरान गलती हो जाए, तो पाठ खत्म होने के बाद क्षमायाचना करें। आचार्य पं.राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि नवरात्रि का आरंभ हो चुका है अगले 9 दिनों तक माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनकी पूजा उपासना करेंगे। मान्यता है कि इन दिनों दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामना जल्द पूरी होती है। लेकिन, दुर्गा सप्तशती का पाठ अगर सही समय पर किया जाए तो माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।इन 9 दिनों में आप किस समय पाठ करे कि माता रानी की कृपा हमेशा बनी रहे।

दुर्गा सप्तशती पाठ का सबसे उत्तम समय
ज्योतिषाचार्य पं. नीरज शर्मा ने बताया कि आमतौर पर राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है। लेकिन कुछ कार्यों में राहुकाल को बेहद शुभ माना जाता है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहुकाल, दुर्गा सप्तशती के पाठ और सिद्धियों के लिए बहुत ही अच्छा समय माना जाता है। दुर्गा सप्तशती एक बहुत ही बड़ी उपासना है। वैसे तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही लाभकारी रहता है लेकिन, अगर इसका पाठ नवरात्रि के दिनों में नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है। इसके पाठ मां दुर्गा प्रसन्न होती है और आपके घर में नकारात्मकता प्रवेश भी नहीं कर पाती है। 9 दिनों के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ करने का शुभ समय। महंत संतोष वशिष्ठ ने बताया कि नवरात्र पर्व में भक्त किस समय दुर्गासप्तशती का पाठ करे कि मातारानी उनके समस्त कष्टों को दूर कर दे। इसका भी शास्त्रोक्त विधान है। उन्होंने बताया कि इन शारदीय नवरात्र में भक्तों के लिए इस प्रकार पाठ करना श्रेष्ठ रहेगा।

नवरात्रि पहला दिन –
सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक
नवरात्रि दूसरा दिन –
दोपहर 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि तीसरा दिन –
12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि चौथा दिन –
दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक
नवरात्रि पांचवा दिन –
सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक
नवरात्रि छठा दिन –
सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि सातवां दिन –
शाम 4 बजकर 30 मिनट से
नवरात्रि आठवां दिन –
सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक
नवरात्रि नौवां दिन –
दोपहर 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक

दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम
महंत संतोष वशिष्ठ ने बताया कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए सबसे पहले नवार्ण मंत्र, कवच, इसके बाद कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के पाठ का आरंभ करना चाहिए। अगर आप इस तरह का पाठ करेंगे तो आपकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होंगी।साथ ही मा दुर्गा प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा आप पर बरसाएंगी।जिन लोगों को संस्कृत में पाठ करने में परेशानी हो तो वह हिंदी में भी पाठ कर सकते हैं।
अशुद्ध पाठ नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आप हिंदी में आराम महसूस करते हैं तो उसी के पाठ करें।शुद्ध पाठ करने से आपको पूर्ण फल की प्राप्ति होगी।

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