यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के प्रयासों को बल मिलेगा

ट्रंप ने कहा कि रूस और भारत के बीच तेल व्यापार को खत्म करने से यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों को बल मिलेगा। उनके अनुसार, भारत का रुख ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन से मेरी गुजारिश है कि वे युद्ध रोकें, यूक्रेनियों को मारना बंद करें और रूसियों को मारना बंद करें, क्योंकि युद्ध में दोनों पक्षों के लोग मारे जाते हैं।”

भारत की ओर से अभी नहीं आया आधिकारिक बयान

ट्रंप के इस बयान पर भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे भारत पर दबाव इसलिए बना रहे हैं ताकि रूस पर आर्थिक दबाव बढ़े और उसकी अर्थव्यवस्था युद्ध जारी रखने की स्थिति में न रहे। उन्होंने बताया कि भारत को मनाने का उद्देश्य रूस को अलग-थलग करना और यूक्रेन में शांति स्थापित करना है।

रूस पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद जारी व्यापार पर चिंता

ट्रंप ने कहा कि रूस पर पश्चिमी देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन कुछ देश अब भी उससे ऊर्जा खरीद रहे हैं, जिससे रूस को वित्तीय मदद मिल रही है। उनका कहना था कि भारत यदि रूस के साथ समान स्तर पर तेल व्यापार जारी रखता है, तो यह पश्चिमी प्रतिबंधों के मकसद को कमजोर करेगा और रूस को फंडिंग मिलती रहेगी।

ट्रंप बोले — भारत-रूस तेल व्यापार युद्ध को फंड कर रहा

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत का रूस से तेल खरीदना यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से फंड करने जैसा है। “भारत तेल खरीदता है, बदले में रूस को पैसा मिलता है, जिसका इस्तेमाल वह युद्ध जारी रखने में करता है,” उन्होंने कहा।

ट्रंप ने आगे कहा, “मैं नहीं चाहता कि ऐसा होता रहे। यह युद्ध पहले होना ही नहीं चाहिए था। अब चार साल हो चुके हैं और लाखों लोग मारे जा चुके हैं। मैं चाहता हूं कि यह युद्ध अब रुक जाए।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से रूस के साथ तेल व्यापार बंद करने का आश्वासन लेना युद्ध को खत्म करने के लिए किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा है।

भारत-रूस संबंधों पर वैश्विक नजर

भारत लंबे समय से रूस का एक प्रमुख तेल खरीदार रहा है और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करता रहा है। अब अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो यह वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है और रूस की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है।