Syria Israel Conflict: सीरिया और इज़रायल के बीच एक अहम सीजफायर समझौता हुआ है। इस समझौते की घोषणा अमेरिका के राजदूत टॉम बैरक ने की। (Syria Israel Conflict)यह समझौता दक्षिणी सीरिया के सूवेदा प्रांत में द्रूज अल्पसंख्यक और बेदुईन कबीलों के बीच चल रही हिंसक झड़पों के बाद सामने आया है।
सैकड़ों की मौत, हजारों बेघर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन झड़पों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 80,000 लोग बेघर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सूवेदा में पानी, बिजली और संचार सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, और स्वास्थ्य सेवाएं भारी दबाव में हैं।
अमेरिकी राजदूत ने की शांति की अपील
टॉम बैरक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए कहा, “द्रूज, बेदुईन और सुन्नी समुदाय हथियार डालें और एकजुट होकर नए सीरिया का निर्माण करें जो अपने पड़ोसियों के साथ अमन और खुशहाली में रह सके।” हालांकि, उन्होंने समझौते के तकनीकी बिंदुओं को साझा नहीं किया।
इज़रायल की एयरस्ट्राइक: द्रूज समुदाय की सुरक्षा में उतरी सेना
रविवार से सूवेदा में द्रूज मिलिशिया और स्थानीय बेदुईन गुटों के बीच तनाव बना हुआ था। सीरिया की सेना अमन के नाम पर हस्तक्षेप करते हुए बेदुईन पक्ष के साथ खड़ी दिखी, जिसके बाद इज़रायल ने द्रूज समुदाय की सुरक्षा के लिए सीरिया की सेना पर एयरस्ट्राइक की।
इज़रायल में द्रूज समुदाय की विशेष भूमिका
इज़रायल में द्रूज समुदाय को एक वफादार अल्पसंख्यक माना जाता है, जो सेना में भी बड़े पैमाने पर शामिल रहता है। झड़पों के दौरान सरकारी बलों पर द्रूज नागरिकों की हत्या, लूट और आगजनी के आरोप लगे हैं।
पहले भी हो चुका है अस्थायी समझौता
बुधवार को अमेरिका, तुर्की और अरब देशों की मध्यस्थता से एक स्थानीय समझौता हुआ था, जिसमें तय हुआ था कि द्रूज समुदाय सूवेदा की आंतरिक सुरक्षा संभालेगा और सरकारी बल पीछे हट जाएंगे। लेकिन गुरुवार रात को फिर से झड़पें शुरू हो गईं, जिससे स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई।
शांति की उम्मीद, लेकिन चुनौतियां कायम
तुर्की, जॉर्डन और अन्य पड़ोसी देशों के समर्थन से हुए इस समझौते के बाद क्षेत्र में अमन और स्थायित्व की उम्मीद बनी है। हालांकि, जमीनी हालात अब भी अस्थिर हैं और यह देखना बाकी है कि सभी पक्ष समझौते का कितना सम्मान करते हैं।