Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े अपने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र (सेम टेरिटरी) में वापस छोड़ा जाएगा। रेबीज से संक्रमित या आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम/पशु आश्रय में रखा जाएगा। (Supreme Court )कोर्ट का यह अंतरिम आदेश अब पूरे देश में लागू होगा।
फीडिंग पर नई गाइडलाइंस
सार्वजनिक स्थानों/सड़कों पर कुत्तों को खिलाने (फीडिंग) पर पूरी तरह पाबंदी।
- नगर निगम (MCD) और अन्य स्थानीय निकाय निर्धारित फीडिंग ज़ोन बनाएंगे।
- कुत्तों की फीडिंग सिर्फ निर्धारित स्थानों पर ही अनुमत होगी।
- उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी—नियमों का पालन अनिवार्य।
कौन-सी श्रेणियाँ कैसे संभाली जाएँगी?
श्रेणी | कोर्ट का निर्देश |
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नसबंदी+टीकाकरण वाले कुत्ते | उसी क्षेत्र में वापस छोड़ा जाए |
रेबीज संक्रमित | शेल्टर/आइसोलेशन में रखा जाए |
आक्रामक व्यवहार वाले | बाड़ों/पशु आश्रय में रखा जाए |
देशव्यापी लागू, सभी लंबित मामले सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर
तीन-न्यायाधीशों की बेंच—जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया—ने यह आदेश जारी किया। साथ ही, देशभर की अदालतों में लंबित संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि एकरूप नीति के साथ प्रभावी अमल हो सके।
दिल्ली-एनसीआर संदर्भ: पुराना आदेश अब राष्ट्रीय दायरे में
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कुत्ता-हमलों पर चिंता जताते हुए एमसीडी और एनडीएमसी को तुरंत पकड़ने और हटाने के निर्देश दिए थे—बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा पर जोर के साथ। नया आदेश उस दृष्टिकोण को राष्ट्रव्यापी स्तर पर व्यवस्थित ABC कार्यक्रम (Animal Birth Control) और निर्धारित फीडिंग ज़ोन के माध्यम से लागू करता है।
कानून-व्यवस्था व प्रशासन के लिए स्पष्ट रोडमैप
- स्थानीय निकाय: ABC/टीकाकरण ड्राइव तेज करें, शेल्टर क्षमता बढ़ाएँ, फीडिंग पॉइंट्स चिह्नित करें।
- पुलिस/प्रशासन: उल्लंघनकर्ताओं पर दंडात्मक कार्रवाई, संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी।
- नागरिक सहयोग: कुत्तों को केवल निर्धारित स्थानों पर ही खिलाएँ; घटनाओं की सूचना तुरंत स्थानीय निकाय को दें।
याचिकाकर्ता की प्रतिक्रिया
“यह एक संतुलित आदेश है। सभी राज्यों के लंबित मामले सुप्रीम कोर्ट में आकर एकरूप समाधान पाएँगे। आम कुत्तों की नसबंदी हो और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर में रखा जाए—इसी का निर्देश दिया गया है।” — ननिता शर्मा, वकील/याचिकाकर्ता