Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़े कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट (KNMT) को बड़ा झटका देते हुए उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में स्थित 125 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है। यह जमीन उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (UPSIDC) द्वारा ट्रस्ट को दी गई थी,(Supreme Court) लेकिन अब शीर्ष अदालत ने इसे ‘अवैध और सार्वजनिक हित के विरुद्ध’ करार देते हुए जमीन को वापस UPSIDC को लौटाने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 1983 में शुरू हुआ था, जब यूपी सरकार ने UPSIDC को यह जमीन औद्योगिक विकास के लिए दी थी। बाद में यह जमीन कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दी गई, जिसका सीधा संबंध गांधी परिवार से माना जाता है। ट्रस्ट के अध्यक्षों में कभी राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील दी कि जमीन का उपयोग औद्योगिक उद्देश्य की बजाय निजी और राजनीतिक हितों के लिए किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए पाया कि ट्रस्ट को दी गई भूमि का उपयोग शर्तों के अनुरूप नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने फैसले में कहा:”यह जमीन जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए UPSIDC को दी गई थी, न कि किसी राजनीतिक ट्रस्ट को लाभ पहुंचाने के लिए।”
राजनीतिक हलचल
इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे कांग्रेस की “जमीन हथियाने की राजनीति” पर करारा तमाचा बताया, जबकि कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
आगे क्या?
फैसले के बाद अब UPSIDC को जमीन वापस मिल जाएगी, और वह इसे फिर से किसी औद्योगिक परियोजना के लिए उपयोग कर सकता है। ट्रस्ट की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वे फैसले की समीक्षा याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।