15 साल विपक्ष में बैठेंगे”, स्मृति ईरानी को ‘बेवकूफ’ कहने वाला कौन? जानिए पूरी कहानी!

Smriti Irani

Smriti Irani: देश की दिग्गज नेताओं में शामिल स्मृति ईरानी इन दिनों अपने शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी‘ की वजह से चर्चा में हैं। शो 29 जुलाई को ऑन एयर होने वाला है। शो का प्रमोशन जोर-शोर से हो रहा है, लेकिन स्मृति ईरानी को लेकर कांग्रेस हमलावर है (Smriti Irani)और जमकर उनका मजाक उड़ा रही है।

कांग्रेस की आलोचना पर स्मृति ईरानी का तगड़ा जवाब

कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि ‘स्मृति ईरानी की राजनीति खत्म हो गई, इसलिए लौटकर बुद्धू घर को आए?’ इस पर तगड़ा जवाब स्मृति ईरानी ने अब दिया है। इंडिया टीवी के मशहूर शो ‘आप की अदालत‘ में जनता के सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा:

“पता नहीं वो किस चीज को बुद्धू कहते हैं, जो क्षमतावान हो और 25 साल से मीडिया के साथ-साथ राजनीति में अपनी पैठ रखता हो, जो जमीन से आता हो और अपनी मेहनत से अपनी किस्मत चमकाता हो और जो विषम परस्थिति में भी राष्ट्र के सम्मान में अपनी सेवा देता हो, अगर ऐसा इंसान कांग्रेस के बुद्धिजीवियों को बुद्धू लगता है तो बुद्धू ही सही। अब और 15 साल वो विपक्ष में रहेंगे।”

इसके बाद स्मृति ईरानी ने कहा:

“मैंने फर्श से अर्श तक इस देश और समाज को देखा है, अगर कांग्रेस पार्टी को ऐसे लोग जो मेहनतकश हैं, सामान्य परिवार से आते हैं खास करके महिलाएं, जो कि भारत के सामान्य परिवारों से आती हैं, वो बेवकूफ लगती हैं तो वो जानें, शायद इसलिए अब वो और 15 साल विपक्ष में बैठेंगे।”

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से मिली लोकप्रियता

23 मार्च 1976 को दिल्ली में जन्मी स्मृति ईरानी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई थी। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से स्नातक किया। शुरुआती दिनों में उन्होंने मॉडलिंग और विभिन्न विज्ञापनों में काम किया लेकिन उन्हें बड़ी लोकप्रियता मिली एकता कपूर के मशहूर टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी‘ में तुलसी विरानी के किरदार से। इस शो ने उन्हें देश के घर-घर तक पहुंचा दिया था।

भा.ज.पा. की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष बनीं स्मृति ईरानी

टीवी की इस आदर्श बहू ने साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण की। उसी वर्ष उन्हें भाजपा की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। स्मृति की गिनती देश के बेहतरीन वक्ताओं में भी होती हैं और इसी वजह से सोशल मीडिया पर उनके काफी फॉलोअर्स भी हैं।

अमेठी में राहुल गांधी को हराकर रचा इतिहास

साल 2004 में स्मृति ने चांदनी चौक से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। 2014 में वे अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं, पर हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2019 में दोबारा अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा और इतिहास रचते हुए उन्हें पराजित कर दिया। वो मोदी सरकार में मंत्री बनीं और कई बड़े अभियानों को आगे भी बढ़ाया।

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से वापसी

स्मृति ईरानी ने जुबिन ईरानी से विवाह किया है और उनके तीन बच्चे हैं। लंबे वक्त बाद वह टीवी की दुनिया में वापसी कर रही हैं। शो के प्रोमो ने लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। देखते हैं इस बार शो पहले की तरह लोगों को पसंद आता है या नहीं? मालूम हो कि शो 29 जुलाई से स्टार प्लस पर शुरू होने वाला है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version