Goa Temple Stampede: गोवा के शिरगांव गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक जुलूस के दौरान एक भीषण भगदड़ का सामना करना पड़ा। इस हादसे में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा शुक्रवार रात से (Goa Temple Stampede)शनिवार तड़के के बीच हुआ, जिससे गोवा और पूरे देश में गहरे शोक की लहर दौड़ गई है।
घटना का विवरण और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
श्री लैराई यात्रा, जो हर साल मई में आयोजित होती है, में इस वर्ष 50,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए थे। यात्रा के दौरान ‘अग्निदिव्य’ (fire-walking) अनुष्ठान का आयोजन हो रहा था, जिसमें श्रद्धालु जलते अंगारों पर चलकर देवी लैराई की कृपा प्राप्त करते हैं। तड़के करीब 4-4:30 बजे, अचानक ढलान वाले रास्ते पर अफरातफरी मच गई, जिससे भगदड़ शुरू हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ लोगों के पैर फिसलने के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जिससे भय और अराजकता फैल गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आपातकालीन उपाय
घटना के तुरंत बाद पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों ने बचाव कार्य शुरू किया। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री, विश्वजीत राणे ने बताया कि 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया। 30 घायलों में से 8 की हालत गंभीर है और 4 मृतकों को अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का दौरा
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्थिति का जायजा लेने के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज और नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर शोक व्यक्त किया और केंद्र सरकार से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।
भगदड़ का कारण और जांच की प्रक्रिया
प्रारंभिक जांच में भगदड़ के लिए भीड़भाड़ और अपर्याप्त भीड़ नियंत्रण उपायों को जिम्मेदार ठहराया गया है। नॉर्थ गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने घटना में 6 मौतों की पुष्टि की और बताया कि जांच जारी है। प्रशासन ने यात्रा के लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था, फिर भी स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका। मुख्यमंत्री सावंत ने इस घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं, जो नॉर्थ गोवा के एसपी और कलेक्टर के नेतृत्व में होगी।