RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं, जिसमें लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की गई है। रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर अब 5.50% कर दिया गया है। इससे पहले दो बैठकों में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी। (RBI Repo Rate)इस फैसले से बैंक से लोन लेने वाले लोगों को सीधे लाभ मिलेगा क्योंकि उनकी EMI कम हो जाएगी। यह कदम महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति नाजुक बनी हुई है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत करने का फैसला किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों के लिए अपार अवसर प्रदान करती है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती के बाद मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश बची है। हालांकि भू-राजनीतिक तनाव और मौसम संबंधी अनिश्चितताएं आर्थिक विकास में बाधाएं उत्पन्न कर सकती हैं।
आगे की नीति और चालू खाते का घाटा
मल्होत्रा ने बताया कि एमपीसी भविष्य की नीतियों के लिए आय के आंकड़ों और आर्थिक परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी। वित्त वर्ष 2024-25 में चालू खाते का घाटा (CAD) कम रहा है और 2025-26 में भी यह प्रबंधन के स्तर पर बना रहेगा।