Rajasthan: शिक्षकों की ग्रेडिंग से बदलेगी तस्वीर, 5 जुलाई तक हर छात्र को किताबें देने का लक्ष्य

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Rajasthan News: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को शासन सचिवालय स्थित पंचायतीराज सभागार में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। (Rajasthan News)उन्होंने कहा कि शिक्षा में संस्कारों के समावेश के लिए शिक्षकों और विभागीय कार्मिकों को आदर्श व्यवहार अपनाना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और संस्कारित शिक्षा प्रदान करने के लिए समुचित प्रयास करने पर जोर दिया।


शिक्षा विभाग के विशेष निर्देश

बैठक में शिक्षा विभाग ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

  1. आचरण और कार्यशैली की ग्रेडिंग: अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की आचरण और कार्यशैली के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।
  2. परिचय पत्र पहनने की अनिवार्यता: सभी कार्मिक, शिक्षक, और विद्यार्थी परिचय पत्र गले में पहनें।
  3. व्यावसायिक शिक्षा में नवीन तकनीक: व्यावसायिक शिक्षा में आधुनिक तकनीकों का समावेश किया जाए।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में नोडल अधिकारियों का दौरा: जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो हर माह ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिन रात्रि विश्राम कर फीडबैक देंगे।
  5. प्रशिक्षण प्रभाव की समीक्षा: शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के प्रभाव की समीक्षा की जाएगी।
  6. स्थानीय परिवेश की जानकारी: विद्यार्थियों को अपने गांव और स्थानीय परिवेश की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
  7. घुमंतू परिवारों के बच्चों के लिए विशेष प्रयास: घुमंतू परिवारों के बालकों को शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

पाठ्य पुस्तकों की समय पर उपलब्धता

आगामी शिक्षा सत्र में 5 जुलाई तक सभी विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।


अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

  1. विद्यालयों का कलर कोड और भवन डिज़ाइन: विद्यालयों के लिए कलर कोड और भवनों की स्टैंडर्ड डिज़ाइन निर्धारित की जाएगी।
  2. निजी विद्यालयों की मान्यता प्रक्रिया: निजी विद्यालयों की मान्यता के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा।
  3. आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों का स्थायित्व: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और अन्य आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों के अप-डाउन पर रोक लगाई जाएगी।

स्थानीय परिदृश्य पर आधारित पाठ्यक्रम

शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने निर्देश दिए कि:

  1. कक्षा 1 से 5 के पाठ्यक्रम में स्थानीय परिदृश्य पर फोकस किया जाए।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता वाले विद्यालयों के कक्षा-कक्ष निर्माण के प्रस्ताव मनरेगा को भेजे जाएं।
  3. व्यावसायिक किट और शिक्षण सामग्री के उपयोग की नियमित निगरानी हो।
  4. व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ा जाए।

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