राजस्थान में सूर्य नमस्कार पर सियासी विवाद, शिक्षा मंत्री ने विरोधियों से पूछा- सूर्य की रोशनी क्यों ले रहे हैं?

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Madan Dilawar:सूर्य नमस्कार भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा राजस्थान के स्कूलों में 3 फरवरी को आयोजित सूर्य नमस्कार कार्यक्रम को लेकर एक नई सियासी बहस छिड़ गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस आयोजन का विरोध करने वालों पर तीखा पलटवार करते हुए (Madan Dilawar)कहा कि जो लोग सूर्य नमस्कार का विरोध कर रहे हैं, वे सूर्य के प्रकाश का लाभ क्यों ले रहे हैं। उन्होंने इसे भारतीय परंपरा का हिस्सा बताते हुए इसके फायदे की बात की।

विपक्ष का विरोध और सांस्कृतिक आयोजन का आरोप राज्य सरकार ने 3 फरवरी को पूरे प्रदेश में 10:15 बजे सूर्य नमस्कार आयोजित करने का ऐलान किया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे राजनीति से प्रेरित आयोजन करार दिया। हालांकि, शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह केवल सांस्कृतिक आयोजन है और इसमें आम जनता को भी शामिल करने की अपील की है।

सूर्य नमस्कार पर राजनीति: क्या है विरोध का कारण? शिक्षा मंत्री ने इस कदम को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताया और विरोधियों को चुनौती दी कि वे सूर्य की रोशनी का विरोध करें। मंत्री के इस बयान ने राजनीतिक बयानबाजी को नया मोड़ दिया है और यह मुद्दा विधानसभा सत्र तक पहुंचने की संभावना है।

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