Rajasthan GST Raid: राजस्थान में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के समधी शंकरलाल जाट के खिलाफ जीएसटी टीम ने जयपुर में छापेमारी कर एक बड़ा वित्तीय खुलासा किया है। आरोप है कि रत्नाकर ग्रुप ने फर्जी चालानों के ज़रिये कर चोरी कर सरकारी खज़ाने को (Rajasthan GST Raid)भारी क्षति पहुँचाई—टीम का प्रारंभिक अनुमान है कि कुल देय कर लगभग 75–80 करोड़ रुपये है, जिनमें से फिलहाल 30 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप विशेष रूप से दर्ज किया गया है।
जीएसटी जांच और छापों का ब्यौरा
जीएसटी टीम ने रत्नाकर ग्रुप के कई व्यावसायिक ठिकानों पर छापे मारे और दस्तावेज जब्त किए। जांच में पता चला कि ग्रुप ने फर्जी बिलिंग और नकली चालानों के माध्यम से कारोबार का आयतन बढ़ाकर कर चोरी का नेटवर्क बनाया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विभाग ने शंकरलाल को तत्काल 18 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस जारी किया है; यदि राशि नहीं भरी गई तो गिरफ्तारी की कार्रवाई संभव है।
कहाँ तक फैला नेटवर्क — कई जिलों में आशंका
अधिकारियों का मानना है कि यह फर्जी बिलिंग नेटवर्क सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं है बल्कि राजस्थान के कई जिलों में फैला हुआ हो सकता है। इसीलिए जांच बेहद विस्तार से की जा रही है और रत्नाकर ग्रुप से जुड़े अनेक लोगों से पूछताछ जारी है। भीलवाड़ा के कुछ और व्यवसायिक पते भी अब जांच के दायरे में बताये जा रहे हैं।
सियासी गलियारों में उठे सवाल
रामलाल जाट का परिचय और उनका पूर्ववर्ती राजस्व मंत्री रहना इस मामले को राजनीतिक संवेदनशीलता देता है। इस कार्रवाई के बाद सियासी दलों में हलचल तेज है और विपक्ष ने घटनाक्रम पर तीखी टिप्पणियाँ शुरू कर दी हैं। प्रशासन ने फिलहाल जांच का जिम्मा जीएसटी टीम को देते हुए किसी भी राजनीतिक दावे पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से परहेज़ किया है और कहा है कि जांच निष्पक्ष व तथ्यआधारित होगी।
कदम आगे — क्या होगा अगला?
- जीएसटी टीम द्वारा और दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं और व्यापक पूछताछ जारी है।
- यदि शंकरलाल द्वारा 18 करोड़ रुपये तत्काल जमा नहीं किये गए, तो गिरफ्तारी की प्रक्रिया की जा सकती है।
- जांच के दायरे का विस्तार होने पर अन्य जिलों में भी छापे और नोटिस जारी हो सकते हैं।
- आवश्यकता पड़ने पर भ्रष्टाचार-विरोधी और वित्तीय जांच एजेंसियों से समन्वय कर सघन जांच की जाएगी।