Rajasthan dark zone: राजस्थान सरकार के 16वीं विधानसभा के मानसूत्र में बुधवार को पूर्व यूडीएच मंत्री और विधायक श्रीचंद कृपलानी ने राजस्थान भू जल संरक्षण व प्राधिकरण विधेयक संशोधन बिल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए चित्तौड़गढ़ सहित अन्य जिले जो पूर्व से ही डार्क जोन में शामिल हैं, (Rajasthan dark zone) उन्हें डार्क जोन की सूची से बाहर करने का आग्रह किया।
विधायक कृपलानी ने कहा कि पहले राजस्थान के कई क्षेत्रों में पानी की कमी थी, जिसके चलते राजस्थान के अन्य जिलों के साथ ही चित्तौड़गढ़ को भी डार्क जोन की सूची में शामिल किया गया था। इससे कृषि कार्यों और पेयजल आपूर्ति के लिए ट्यूबवेल खोदने की स्वीकृति नहीं मिलती थी। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं, और किसानों को कृषि कार्यों में और आम जन को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए चित्तौड़गढ़ जिले को डार्क जोन से बाहर करना आवश्यक है।
विधेयक में स्वागत योग्य बदलाव
इसके साथ ही विधायक कृपलानी ने राजस्थान भू जल संरक्षण व प्राधिकरण विधेयक पर बोलते हुए कहा कि गत सत्र में प्रस्तुत विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के बाद इसमें कुछ स्वागत योग्य बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्रस्तुत बिल में विधायकों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अब इसमें दो विधायकों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, जो स्वागत योग्य है।
कृपलानी ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि भू जल से जुड़ी समस्याओं को लेकर राजस्थान की साढ़े आठ करोड़ आम जन की भावना के अनुरूप काम करने के लिए इस प्राधिकरण में संभाग स्तर से एक-एक विधायक को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। इसके साथ ही, प्रवर समिति द्वारा प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में शासन सचिव और अभियंता के स्थान पर मंत्री को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, जैसा कि अन्य राज्यों में संचालित प्राधिकरण में किया गया है।
विधायक कृपलानी ने जल जीवन मिशन सहित अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अंतिम छोर तक पेयजल पहुंचाने के लिए बिजली विभाग की तर्ज पर अवैध नल कनेक्शनों पर कार्यवाही करनी चाहिए। इसके द्वारा जल आपूर्ति की व्यवस्था को और प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सकता है।