क्या पहन सकते हैं? (अनुमोदित परिधान)
- पुरुष: पूरी या आधी आस्तीन की शर्ट, टी-शर्ट, कुर्ता-पायजामा या पैंट पहन कर परीक्षा दे सकते हैं।
- महिला: सलवार-सूट, चुन्नी या साड़ी; आधी या पूरी आस्तीन की शर्ट/कुर्ता, ब्लाउज अनुमत हैं।
- बालों में सिर्फ साधारण रबर-बैंड की अनुमति है।
- ठंड में कोट, स्वेटर या पूरी बाहों की जर्सी पहनने की छूट दी गई है — पर इन पर मेटल बटन नहीं होने चाहिए; जांच के दौरान इन्हें उतरवाया जा सकता है।
- साधारण कांच की पतली चूड़ियां, सादा कलावा या बिना मेटल वाला जनेऊ पहना जा सकता है।
- पाद-भूषण: हवाई चप्पल, सैंडल, छोटे टखने तक के जूते या मोजे पहन सकते हैं।
- धार्मिक प्रतीक: सिख धर्म के अभ्यर्थियों को कड़ा, कृपाण और पगड़ी जैसी धार्मिक वस्तुएँ रखने की अनुमति रहेगी।
क्या नहीं पहनना है? (वर्जित परिधान और आइटम)
- पुरुष व महिला दोनों के लिए जीन्स सामान्यतः वर्जित हैं। (अपवाद के साथ—यदि कोई जीन्स पेहने आता है तो उसे रोका नहीं जाएगा; पर गहन जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा)।
- कपड़ों पर बड़ा बटन, मेटल बटन, ब्रोच, बैज या फूल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
- किसी भी तरह की ज्वेलरी — अंगूठी, ब्रैसलेट, मोटी चूड़ियां पहनना मना है।
- घड़ी, धूप का चश्मा, बेल्ट, हैंडबैग, हेयर पिन, गंडा/ताबीज, कैप, स्कार्फ, स्टॉल, शॉल, मफलर, टाई, मेटल चेन वाला जरकिन/ब्लेजर इत्यादि लेकर परीक्षा केंद्र में नहीं आना होगा।
- मेटल चेन वाले जूते भी पूरी तरह वर्जित हैं।
जांच प्रक्रिया और सुरक्षा प्रावधान
बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि जांच एजेंसियाँ अभ्यर्थियों की ड्रेस की गहन जांच करेंगी। यदि किसी अभ्यर्थी के कपड़ों से किसी तरह का संदेह उठता है तो महिला अभ्यर्थियों की जांच केवल महिला स्टाफ द्वारा की जाएगी। नियमों के उल्लंघन पर अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की जाएगी और आवश्यक होने पर वचन-पत्र भरवाया जा सकता है। RSMSSB का कहना है कि ड्रेस कोड कड़े रूप से लागू करने का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं की निष्पक्षता बनाए रखना, पेपर लीक और अनुचित साधनों से रोकना और परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा मानकों को बढ़ाना है। हालांकि, कुछ अभ्यर्थी और शिक्षक संगठन इस कदम को कड़ा मान सकते हैं—विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके पास वैकल्पिक कपड़े सीमित हैं।
