बारां में भाजपा नेता आनंद गर्ग की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया

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Rajasthan news: बारां में भाजपा नेता और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष आनंद गर्ग के निर्माण पर ‘पीला पंजा’ चलने का मामला सामने आया है। यह मामला उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने से जुड़ा हुआ है। भाजपा नेता पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने सरकारी जमीन पर शोरूम बनाने के लिए अतिक्रमण किया। यह शोरूम बड़ा था और नगर परिषद से पट्टा भी मिला था। (Rajasthan news)हालांकि, हाईकोर्ट में दायर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) के बाद प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है।

SDM को भी पार्टी बना दिया गया

हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे और इस पर प्रशासन ने कार्रवाई की। इस मामले में एसडीएम को भी पार्टी बना दिया गया था। बारां नगर परिषद आयुक्त मोती शंकर नागर ने कहा कि यह कार्रवाई राजस्व विभाग के निर्देश पर की गई थी। तहसीलदार दशरथ मीणा से संसाधनों की मांग की गई थी, और जब प्रशासन की टीम वहां पहुंची, तो अतिक्रमण करने वाले भाजपा नेता ने ही इसे हटवाने की जिम्मेदारी उठाई।

पट्टा जारी होने का मामला

नगर परिषद आयुक्त ने कहा कि यह कार्रवाई राजस्व विभाग के निर्देश पर की गई थी और निर्माण को 20 मीटर तक हटा लिया गया है। पट्टे की वैधता को लेकर जांच की जा रही है। आयुक्त ने इस पर ज्यादा जानकारी देने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की बात कही। यह कार्रवाई राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बारां दौरे से पहले की गई, जो अब पूरे बारां जिले में चर्चा का विषय बन गया है। 19 सितंबर को मुख्यमंत्री का दौरा होना है, और प्रशासन इस दौरे के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है।

अंता सीट पर उपचुनाव की तैयारी

बारां जिले में अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें भाजपा नेता आनंद गर्ग भी दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा नेता आनंद गर्ग ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने इस जमीन का पट्टा अपनी पत्नी मंजू गर्ग के नाम से लिया था। उनका कहना था कि यह जमीन अतिक्रमण नहीं थी, बल्कि उनके विरोधी राजेंद्र शर्मा ने बाढ़ का हवाला देकर इसे अतिक्रमण बताया था, जिसके बाद कोर्ट ने इसे हटाने के निर्देश दिए थे।

प्रशासन से सहयोग किया

भाजपा नेता आनंद गर्ग ने कहा कि जब प्रशासन ने कार्रवाई की, तो उन्होंने स्वयं ही इस निर्माण को हटवाने में मदद की और प्रशासन के सहयोग किया। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के निर्देश बहुत सख्त थे, जिसके कारण प्रशासन मजबूर हुआ।

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