• कोटा: AQI 302
  • जयपुर: AQI 259
  • भिवाड़ी: AQI 359
  • भीलवाड़ा: AQI 246
  • श्रीगंगानगर: AQI 256
  • भरतपुर: AQI 210

वहीं दिल्ली–NCR में वायु गुणवत्ता और भी गंभीर रही: दिल्ली में AQI 380 तक पहुँच गया, नोएडा में 396, ग्रेटर नोएडा में 380 और गाजियाबाद में 426 दर्ज किया गया — जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणियों में आता है।

सीकर में अस्पतालों में भीड़

सीकर के शांति नगर औद्योगिक क्षेत्र में अचानक बढ़े प्रदूषण के चलते सैकड़ों निवासियों को सांस लेना मुश्किल हुआ। स्थानीय एसके हॉस्पिटल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में कई मरीज पहुंचे — लगभग 100 लोगों ने सांस लेने में तकलीफ का हवाला दिया और कुछ को इलाज के लिए भर्ती भी किया गया है। फिलहाल प्रदूषण के सटीक कारणों का पता स्थानीय प्राधिकरण और पर्यावरण विभाग कर रहे हैं।

वायु प्रदूषण बढ़ने से बच्चों, बुजुर्गों, श्वसन तथा हृदय रोगियों और गर्भवती महिलाओं पर विशेष जोखिम रहता है। विशेषज्ञों ने बताया है कि प्रदूषण बढ़ने पर अस्थमा के एपिसोड, आँखों में जलन, गले में खराश और त्वचा संबंधी परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।

 सावधानियाँ (अनुशंसित कदम)

  • बाहर निकलते समय N95/KN95 मास्क पहनें, साधारण मास्क पर्याप्त नहीं होते।
  • बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से दूर रखें।
  • खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखें; संभव हो तो एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  • कठोर शारीरिक अभ्यास और सुबह शाम के आउटडोर व्यायाम टालें।
  • श्वास में दिक्कत, चेस्ट पेन या सिर भारी होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

स्थानीय स्वास्थ्य और प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आवागमन और औद्योगिक गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सार्वजनिक स्थानों की सफाई और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के निर्देश जारी किए जा सकते हैं। (आधिकारिक निर्देश व पुख्ता जानकारी के लिए संबंधित नगर निगम/पर्यावरण विभाग के नोटिफिकेशन देखें।)

नोट: यह रिपोर्ट उपलब्ध एयर क्वालिटी सूचनाओं और स्थानीय अस्पतालों से प्राप्त प्राथमिक रिपोर्टों पर आधारित है; AQI मान समय के साथ बदल सकते हैं — ताज़ा अपडेट के लिए स्थानीय वायु गुणवत्ता पोर्टल देखें।