Pragya Thakur: बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 3 अगस्त को मालेगांव बम विस्फोट मामले में विशेष अदालत के फैसले को हिंदुत्व की जीत और ‘भगवा आतंकवाद’ कहने वालों के मुंह पर करारा तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सत्य की जीत है ( Pragya Thakur) और भगवा आतंकवाद के आरोपियों को अब शर्म आनी चाहिए। इस दौरान, भोपाल पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बयान दिया।
‘भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए’
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “यह हिंदुत्व और धर्म की जीत है, भगवा की जीत है। हमारे शास्त्रों में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है, और आज यह सिद्ध हो गया है।” उन्होंने आगे कहा कि समाज और देश ने भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने वालों को करारा जवाब दिया है, और कोर्ट का यह फैसला विरोधियों के मुंह पर एक तमाचा है।
‘कई नाम लेने के लिए दबाव डाला गया’
पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जांचकर्ताओं द्वारा प्रताड़ित किया गया और कई लोगों के नाम लेने के लिए दबाव डाला गया। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी का भी झूठा नाम नहीं लेंगी। प्रज्ञा ने दावा किया कि उन्हें इस कारण बुरी तरह प्रताड़ित किया गया।
‘मुझे प्रताड़ित किया गया’
प्रज्ञा ठाकुर ने 2 अगस्त को आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य लोगों के नाम लेने के लिए मजबूर किया। यह पहली बार था जब ठाकुर ने इस तरह का सनसनीखेज दावा किया, जो NIA की विशेष अदालत के 1,036 पृष्ठों के फैसले में कहीं नहीं था।
विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग घायल हुए थे। इस मामले में 30 जुलाई को विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं हैं।



































































