PAFF क्या है और परिभाषा
PAFF (पीपुल्स एंटी फासीस्ट फ्रंट) खुद को फासीवाद के विरोध में स्थापित बताता है। तथापि सुरक्षा एजेंसियों और सरकारी दस्तावेजों के अनुसार यह समूह जैश-ए-मोहम्मद का सहयोगी और प्रॉक्सी संगठन है, जो जम्मू-कश्मीर में हिंसा, अलगाववाद तथा कट्टरपंथी भर्ती को बढ़ावा देता है। भारत सरकार ने PAFF को UAPA के तहत प्रतिबंधित कर रखा है (घोषित तिथि: 7 जनवरी 2023)।
PAFF की गतिविधियाँ और आरोप
- PAFF पर सुरक्षा बलों, सरकारी अधिकारियों तथा नागरिकों पर हमले कराने और हिंसा फैलाने का आरोप है।
- यह समूह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया प्रचार, उत्तेजक रैलियाँ तथा हथियार तस्करी का सहारा लेता है।
- PAFF बलों द्वारा बॉडी-कैम और शहरी-तंत्र का उपयोग कर हमले करवाने के लिए भी जाना जाता है।
- वर्ष 2023 में पुंछ और भट्टा धुरियां में हुए सैन्य हमलों में इस समूह के भरे हस्तक्षेप के आरोप लगे थे — जिनमें सैनिक शहीद हुए थे।
JeM, LeT और TRF से संबंध
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि PAFF ने JeM के निर्देशों पर कार्य करते हुए 2019 के बाद अपनी सक्रियता बढ़ाई। इसके अलावा इस समूह के कनेक्शन पाकिस्तान स्थित खुफिया तत्वों (ISI) और अन्य कट्टर उग्रवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से भी जोड़े जा चुके हैं। ये अंतर-समूह नेटवर्क कश्मीर में अलगाववाद और हिंसा की श्रृंखला को विकसित करने में सहायक रहे हैं।
नौगाम धमाका और देर रात की तबाही
नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट ऐसे समय हुआ जब फरीदाबाद से जब्त विस्फोटकों के नमूने और FSL-सैंपलिंग पर कार्य किया जा रहा था। धमाका इतना भयंकर था कि थाना परिसर में बड़ी तबाही हुई और मरने वालों व घायलों की संख्या बढ़ी। सुरक्षा एजेंसियाँ दोनों घटनाओं की कड़ियों को जोड़कर फ़ोरेंसिक, सी-सी-टीवी और कॉल-डेटा विश्लेषण कर रही हैं ताकि स्पष्ट नेटवर्क-मूल्यांकन किया जा सके।
सरकार की कार्रवाई और सुरक्षा सतर्कता
केंद्रीय और राज्य स्तर की खुफिया व सुरक्षा संस्थाएँ दोनों घटनाओं की समानता और संभावित कनेक्शन तय करने हेतु समन्वित जाँच कर रही हैं। अधिकारी क्षेत्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क को तोड़ने के लिए परिचालनात्मक कदम, गिरफ्तारी और सीमापार ट्रेस के लिए अन्तर-सरकारी समन लागू कर रहे हैं। स्थल पर राहत-कार्य और पीड़ितों के परिजनों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
जांच के अगले चरण
- FSL की विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट — विस्फोटक संरचना और आईडी पर रिपोर्ट का इकट्ठा होना।
- सीसीटीवी, मोबाइल डेटा और कॉल-रिलेशनशिप के माध्यम से मॉड्यूल के हैंडलर्स व फंडिंग स्रोतों की पहचान।
- अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय समन के जरिए पाकिस्तान से जुड़े तारों की पड़ताल।
- यदि सम्बंधित कड़ी पाई जाती है तो मामला राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से और बड़े स्तर पर उठाया जाएगा।
नौगाम धमाका देश की सुरक्षा चुनौतियों की गंभीरता का संकेत है — जहां स्थानीय प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से व्यापक, बहु-प्रदेशीय और अन्तरराष्ट्रीय कनेक्शन सक्रिय हैं। सुरक्षा एजेंसियों की जाँच जारी है और किसी भी आधिकारिक निष्कर्ष से पहले सभी तकनीकी रिपोर्टों का विश्लेषण आवश्यक होगा।
