नेशनल हेराल्ड मामला: राहुल-सोनिया गांधी राहत में, अदालत का बड़ा फैसला, गहलोत बोले- सत्ता पर सत्य की जीत

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National Herald Case

National Herald Case:  दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत पांच अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर संज्ञान लेने से साफ इनकार कर दिया। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।(National Herald Case) प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेगा। वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह फैसला साबित करता है कि सत्ता की ताकत से सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता।

अशोक गहलोत ने बताया सत्ता पर सत्य की विजय

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस फैसले को सत्ता पर सत्य की बड़ी जीत करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत का फैसला ‘सत्ता पर सत्य की विजय’ का प्रमाण है। अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की शिकायत को खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया है कि इसमें धन शोधन का कोई मामला नहीं बनता।”

गहलोत ने कहा, “हम शुरू से ही कह रहे थे कि यह मोदी सरकार द्वारा रचा गया एक मनगढ़ंत और झूठा मामला है, जिसका उद्देश्य केवल गांधी परिवार की छवि खराब करना था। कुछ दिन पहले ही इसी कारण ईडी ने इस मामले में दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई। चालान पेश किए जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो गया था कि इस मामले में कोई दम नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “मोदी सरकार के दबाव में ईडी ने अदालत में अपनी भद्द पिटवाई है। आज न्यायपालिका ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। अंततः जीत सच्चाई की ही हुई है।”

सत्य को दबाया नहीं जा सकता

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट का फैसला इस बात का प्रमाण है कि सत्य को सत्ता के दबाव में दबाया नहीं जा सकता। अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत को खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकरण में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं बनता।

जूली ने कहा, “यह मामला शुरू से ही मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित था। इसका उद्देश्य केवल गांधी परिवार को बदनाम करना था। जब आरोपों में कोई दम नहीं बचा तो जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया, लेकिन अदालत में सच टिक गया। आज न्याय ने साफ संदेश दे दिया है कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं।”

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