नरेंद्र मोदी की 75 साल की यात्रा: संघर्ष, संकल्प और सेवा की अनसुनी दास्तान जिसे हर युवा जानना चाहिए

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Narendra Modi success story
Narendra Modi success story: यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उस महायात्रा की शुरुआत है जिसने भारत की राजनीति की दिशा और दशा बदल दी। गुजरात के वडनगर कस्बे से निकलकर नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने संघर्ष, सेवा और संकल्प से ऐसा जीवन गढ़ा,(Narendra Modi success story) जो आज करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

संघ की शाखा से राष्ट्रसेवा तक

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े नरेंद्र मोदी ने 1971 में घर छोड़कर पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में जीवन समर्पित कर दिया। उनकी निष्ठा और अनुशासन ने उन्हें संगठन में खास पहचान दिलाई। यही प्रशिक्षण आगे चलकर उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कुशल रणनीतिकार के रूप में स्थापित करने में सहायक बना।

1987: राजनीति में औपचारिक प्रवेश

1987 में नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से भाजपा का दामन थामा। उस समय पार्टी संघर्ष के दौर में थी। लेकिन अहमदाबाद निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत ने मोदी को संगठनात्मक ताक़त के रूप में उभारा। यहीं से उनके राजनीतिक करियर का नया अध्याय शुरू हुआ।

2001: मुख्यमंत्री की कुर्सी और गुजरात मॉडल

7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। बिना चुनावी अनुभव और प्रशासनिक पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने राज्य को अगले 13 वर्षों तक विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। यहीं से “गुजरात मॉडल” देशभर में चर्चा का विषय बना।

2014: जब शुरू हुआ ‘मोदी युग’

2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। “सबका साथ, सबका विकास” के नारे के साथ भाजपा ने पूर्ण बहुमत से ऐतिहासिक जीत दर्ज की और भारतीय राजनीति में “मोदी युग” की शुरुआत हुई। इसके बाद 2019 और 2024 में भी उन्होंने लगातार जीत दर्ज की और नेहरू के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता बने।

वैश्विक मंच पर भारत की आवाज

नरेंद्र मोदी सिर्फ भारत के नेता नहीं, बल्कि विश्व राजनीति में भी एक प्रभावशाली चेहरा बन चुके हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने G20 की अध्यक्षता की, संयुक्त राष्ट्र में अपनी ताक़तवर उपस्थिति दर्ज कराई और वैश्विक मंचों पर अपनी आवाज बुलंद की।

75 वर्ष की उम्र में 75 वर्षों की प्रेरणा

आज जब नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो रहे हैं, यह सिर्फ एक जन्मदिन नहीं बल्कि उस असाधारण सफर का उत्सव है। यह गाथा साबित करती है कि इरादे मजबूत हों और मेहनत में ईमानदारी हो, तो कोई भी ऊँचाई पाना असंभव नहीं। नरेंद्र मोदी की यात्रा संघर्ष और संकल्प का ऐसा उदाहरण है, जिसने साधारण को असाधारण बना दिया। चाय बेचने वाले बालक से लेकर विश्व नेता तक का उनका सफर न सिर्फ भारतीय राजनीति का नया अध्याय है, बल्कि हर युवा के लिए यह संदेश है कि सपने तभी पूरे होते हैं जब उन्हें जीने का साहस किया जाए।

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