Manipur Politics: हिंसा की चपेट में रहे मणिपुर से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राज्य में सरकार गठन की कवायद तेज हो चुकी है। राजधानी इंफाल स्थित राजभवन में 10 विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिला और सरकार बनाने का दावा पेश किया।(Manipur Politics) इन विधायकों में 8 भाजपा, 1 NPP और 1 निर्दलीय शामिल हैं। इन सभी का दावा है कि उन्हें 22 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
राज्यपाल से मिले विधायक, सरकार गठन का किया दावा
विधायक राधेश्याम ने बैठक के बाद कहा, “हमारे पास 22 से अधिक विधायकों का समर्थन है और सभी भाजपा विधायक जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार बनाना चाहते हैं। हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि हमारे बहुमत के दावे पर विचार कर त्वरित कार्रवाई की जाए।”
स्वतंत्र विधायक निशिकांत सिंह बोले- प्रतिक्रिया सकारात्मक
स्वतंत्र विधायक निशिकांत सिंह ने कहा, “जनता चाहती है कि मणिपुर में एक लोकप्रिय सरकार बने। हमने राज्यपाल को बताया कि राष्ट्रपति शासन के रहते हुए जो सीमाएं हैं, वो लोकतांत्रिक शासन के आने पर बदल जाएंगी। राज्यपाल की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि हमारे पास कुल 22 विधायकों के समर्थन से जुड़े दस्तावेज हैं और जल्द ही सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
मणिपुर में 13 फरवरी से लागू है राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो जनजातियों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई और हजारों बेघर हो गए। इस अशांति के चलते मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
इतिहास में 11वीं बार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में 1967 से लेकर अब तक 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। हर बार शासन की अवधि 43 दिन से लेकर 277 दिन तक रही है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि राज्यपाल क्या फैसला करते हैं और मणिपुर को कब एक नई सरकार मिलती है।