कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष और नेतृत्वहीनता
राठौड़ ने कहा कि गहलोत के कारण कांग्रेस में आंतरिक कलह और गुटबाजी बढ़ी है। पहले उन्होंने अपने सहयोगी सचिन पायलट को हाशिए पर डाला और अब पार्टी के भीतर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से सीधी प्रतिस्पर्धा हो रही है। इससे पार्टी की कमजोर स्थिति उजागर होती है।
‘गहलोत को जनता को गुमराह करने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गहलोत सत्ता के समीकरण बनाने में लगे हैं, जबकि जनता विकास, कानून-व्यवस्था और पारदर्शिता चाहती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल भाजपा प्रदान कर रही है।राठौड़ ने कहा कि जिस दिन कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव हार गए, उसी दिन से उनके नेताओं ने केवल सत्ता की मलाई लेने के प्रयास शुरू कर दिए। उन्होंने इसे ‘बिल्ली के भाग का छीका’ बताया।
‘कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव’
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस में सत्ता की लालसा और डिक्टेटरशिप के कारण आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। उम्मीदवार केवल मजबूरी में नामित होते हैं। इसके विपरीत, भाजपा में उम्मीदवार जनता की अपेक्षाओं और सर्वेक्षणों के आधार पर तय किए जाते हैं। कोर कमेटी विचार-विमर्श के बाद जनता के हित में निर्णय लेती है।