सरकारी सिस्टम की पोल खुली! ट्रांसफर के बावजूद कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं अधिकारी!

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Rajasthan News: बगरू स्थित नेवटा एसटीपी प्लांट में 30 एमएलडी क्षमता के प्लांट की स्वीकृति में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इस परियोजना की मंजूरी माननीय मंत्री द्वारा ना करवाकर तत्कालीन अधिकारियों द्वारा PAC कमेटी में नियमों के विपरीत दी गई, जिससे सरकार पर 47.68 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ा। लाइन बिछाने का कार्य GSJ Envo Ltd. को दिया गया, जबकि इस फर्म के पास कार्यानुभव नहीं था। आरोप है कि कंपनी को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर ठेका दिया गया, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

राइजिंग मेन लाइन में हेरफेर

राइजिंग मेन लाइन को नियमों के विपरीत डालकर ड्राइंग में छेड़छाड़ की गई, जिससे तकनीकी खामियों के चलते भविष्य में बड़े नुकसान की आशंका है। इस परियोजना में अन्य कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें तत्कालीन अधिकारी श्री दिनेश कूकना की संलिप्तता उजागर हुई है।

जांच व कार्रवाई की मांग

श्री दिनेश कूकना को सरकार द्वारा 15 जनवरी को आदेश जारी कर उनके मूल विभाग जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण दो माह बीतने के बावजूद उन्हें JDA से रिलीव नहीं किया गया। आरोप है कि मार्च के बजट को नियमों के विरुद्ध भुगतान कर सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस पूरे मामले की विस्तृत जांच व दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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