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भाई-बहन का खेल बेनकाब… RPA में ट्रेनिंग के दौरान… SI भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी!

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SOG Arrest

SOG Arrest: राजस्थान के सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021 में घोटाले की परतें उठाते हुए विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG Arrest) ने सगे भाई-बहन, प्रियंका और दिनेश को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे थे और परीक्षा के पेपर को पहले से ही हासिल कर चुके थे। यह गिरफ्तारी उन लोगों के लिए एक जोरदार चेतावनी है जो परीक्षा में गड़बड़ी करने का मन बना रहे हैं।

गुनाह कबूलने पर कार्रवाई: राज की बातें बाहर आईं

एसओजी की पूछताछ में प्रियंका और दिनेश ने अपने गुनाह कबूल कर लिए। एडीजी वीके सिंह ने कहा कि “एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक केस में कार्रवाई बिना रुके चल रही है। जैसे ही हमें सूचनाएं मिलती हैं, हम उनकी जांच करते हैं और आरोपियों को पकड़ते हैं।” इस प्रकरण ने परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर कई सवाल उठाए हैं।

पेपर लीक की अद्भुत कहानी: एक नेटवर्क का पर्दाफाश

प्रारंभिक पूछताछ में दिनेश ने बताया कि उसने भूपेंद्र सारण गैंग से पेपर खरीदा था। अपने घर जाकर उसने प्रियंका को इसके बारे में बताया और दोनों ने मिलकर परीक्षा की तैयारी की। पेपर मिलने के बाद उनकी योजना ने उन्हें सफलता की सीढ़ी चढ़ा दी, लेकिन अब उनका यह गुनाह सामने आ चुका है।

भूपेंद्र सारण का काला कारोबार: पैसे और धोखाधड़ी का खेल

इस मामले में भूपेंद्र सारण का नेटवर्क और भी चौंकाने वाला है। दिनेश और प्रियंका के पिता भागीरथ विश्नोई ने गोपाल सारण से 20 लाख रुपए देकर पेपर हासिल किया। गोपाल ने भूपेंद्र से पेपर लेकर प्रियंका को दिया, और दूसरे शिफ्ट का पेपर दिनेश के मोबाइल पर भेजा गया। यह दर्शाता है कि परीक्षा के साथ कितनी बड़ी धोखाधड़ी चल रही थी।

अन्य आरोपी भी आए शिकंजे में: रामू राईका की गिरफ्तारी

इस पेपर लीक मामले में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राम राईका, उसके बेटे और बेटी की भी गिरफ्तारी हुई है। रामू ने अपने बच्चों के लिए एसआई परीक्षा से छह दिन पहले पेपर की व्यवस्था की थी। यह घोटाला केवल प्रियंका और दिनेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक व्यापक साजिश का हिस्सा था।

42 गिरफ्तारियां और बढ़ती कार्रवाई: क्या और भी हैं शामिल?

अब तक, एसओजी ने 42 चयनित ट्रेनी एसआई और पेपर लीक गैंग से जुड़े 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। कई अन्य ट्रेनी एसआई भी एसओजी की निगरानी में हैं। यह घटना राजस्थान की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को खतरे में डाल रही है और यह दिखा रही है कि धोखाधड़ी के प्रयासों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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