Rahul Gandhi passport cancellation Om Birla letter: भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi)ने हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla)को पत्र लिखकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi)का पासपोर्ट निरस्त करने की मांग की है। जोशी ने पत्र में तीन प्रमुख कारण भी दिए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी जैसे व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उनके द्वारा की गई गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि वे देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं।
राहुल गांधी के बयानों पर उठे सवाल
सीपी जोशी ने राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयानों को देश विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के बयान किसी भी जिम्मेदार भारतीय नागरिक के अनुसार नहीं हो सकते।” जोशी ने जोर देकर कहा कि उनका पासपोर्ट निरस्त किया जाना चाहिए ताकि वे भविष्य में विदेश में जाकर भारत विरोधी मुहिम का हिस्सा न बन सकें।
जोशी ने पत्र में इस बात को भी रेखांकित किया कि राहुल गांधी ने विदेश की धरती पर जो बयान दिए हैं, वे भारतीय राजनीतिक संस्कृति के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उनका यह आचरण यह दर्शाता है कि वे अपने देश के खिलाफ खड़े होने वाले प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे रहे हैं। जोशी का कहना है कि अगर राहुल गांधी इस तरह की गतिविधियों से बाज नहीं आते हैं, तो उन्हें नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा देना चाहिए।
सीपी जोशी ने उठाए गंभीर सवाल
पत्र में सीपी जोशी ने यह भी सवाल उठाया कि बतौर नेता विपक्ष, राहुल गांधी अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ मुहिम क्यों चला रहे हैं। उन्होंने पूछा, “क्या पूरी दुनिया में कोई एक भी ऐसी मिसाल है, जब कोई पक्ष या विपक्ष का नेता दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करता दिखा?” यह सवाल इस बात की ओर इशारा करता है कि राहुल गांधी की मंशा वास्तव में क्या है।
डोटासरा का पलटवार
इस मामले पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सीपी जोशी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं में कुर्सी की लोलुपता और चाटुकारिता की पराकाष्ठा पार करने की होड़ लगी है। डोटासरा ने कहा कि जोशी का पत्र सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास है और यह पार्टी फोरम में अपनी पर्ची निकलवाने की सिफारिश से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को उन परिवारों का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं।
भविष्य में क्या होगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या घटनाक्रम unfolds होता है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह राजनीतिक विवाद केवल बयानों तक सीमित नहीं रह गया है। इसके पीछे की राजनीतिक रणनीति और संभावित परिणामों पर चर्चा करना भी आवश्यक है। राहुल गांधी के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, जहां उन्हें न केवल अपने बयानों का बचाव करना है, बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य पर भी विचार करना होगा।
राहुल गांधी के खिलाफ सीपी जोशी की यह मांग और डोटासरा की प्रतिक्रिया राजनीतिक क्षेत्र में एक नई बहस को जन्म दे सकती है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्या राहुल गांधी इस स्थिति को संभाल पाते हैं या यह विवाद उनके राजनीतिक करियर को और जटिल बना देगा।