income tax return online : आयकर रिटर्न (ITR) अब ऑनलाइन प्रक्रिया से आसान हो चुका है, फिर भी नए फाइलर्स के मन में संदेह रहता है। यह गाइड आपको कहानी की तरह सरल चरणों में बताएगा—ITR कैसे भरें, ITR-V कैसे निकालें/वेरिफाई करें और किन गलतियों से(income tax return online) बचना जरूरी है। याद रखें, हर Indian citizen को ITR भरना चाहिए—चाहे आमदनी सैलरी, बिज़नेस, प्रॉपर्टी, शेयर/म्यूचुअल फंड या ब्याज-डिविडेंड से हो।
डेडलाइन और पेनल्टी
- बिना जुर्माना अंतिम तिथि: 15 सितंबर 2025 (FY 2024–25 / AY 2025–26)।
- देरी से फाइलिंग (15 सितंबर के बाद, 31 दिसंबर 2025 तक): लेट फीस ₹1,000 से ₹10,000 तक, देरी और टैक्सेबल इनकम पर निर्भर।
- सीख: समय सीमा मिस करना महंगा पड़ सकता है—रिटर्न समय पर भरें।
ITR ऑनलाइन कैसे फाइल करें—स्टेप-बाय-स्टेप
- लॉग इन/रजिस्टर: incometax.gov.in पर जाएं। पहले से रजिस्टर्ड हैं तो यूज़र आईडी/पासवर्ड से लॉग इन करें। पहली बार हैं तो PAN, आधार और बुनियादी डिटेल से रजिस्टर करें।
- e-File मेन्यू: e-File → Income Tax Returns → File Income Tax Return चुनें।
- आकलन वर्ष (AY) और मोड: FY 2024–25 के लिए AY 2025–26 चुनें। फिर अपनी पसंद का फाइलिंग मोड चुनें।
- स्टेटस और फॉर्म: Individual / HUF / Other में से अपना स्टेटस चुनें। सही ITR फॉर्म (जैसे ITR-1, ITR-2 आदि) चुनें। Old vs New Regime का विकल्प भी यहीं तय करें।
- पर्सनल डिटेल्स की जाँच: नाम, पता, संपर्क, बैंक—सब प्री-फिल्ड डिटेल्स ध्यान से वेरिफाई करें और जहां आवश्यक, अपडेट करें।
- इनकम और डिडक्शंस: सैलरी/बिज़नेस/कैपिटल गेन/अन्य आय, 80C/80D आदि डिडक्शंस और TDS/Advance Tax सही-सही भरें।
- टैक्स कैलकुलेशन: सिस्टम नेट टैक्स/रिफंड दिखाएगा। आवश्यकता हो तो Pay Now या Pay Later चुनें और भुगतान पूरा करें।
- प्रीव्यू और वेलिडेशन: Preview Return में सभी एंट्री दोबारा चेक करें। फिर Proceed to Validation करें।
- फाइलिंग सफलता और ITR-V: सफलता संदेश के साथ ITR-V उपलब्ध होगा। इसे डाउनलोड करें। 30 दिनों के भीतर e-Verification अनिवार्य है।
ITR-V ई-वेरिफिकेशन कैसे करें?
- Aadhaar OTP: सबसे आसान—लिंक्ड मोबाइल पर आने वाले OTP से वेरिफाई करें।
- नेट बैंकिंग/डिमैट/बैंक अकाउंट EVC: पोर्टल से डायरेक्ट ऑथेंटिकेशन।
- विकल्प: यदि ई-वेरिफाई नहीं कर पा रहे, तो ITR-V प्रिंट कर 30 दिनों के भीतर स्पीड पोस्ट से CPC भेजें।
इन आम गलतियों से बचें
- PAN–आधार लिंकिंग: बिना लिंक रिटर्न अटक सकता है—पहले लिंकिंग सुनिश्चित करें।
- बैंक अकाउंट वैलिडेशन: जिस खाते में रिफंड चाहिए, उसे पोर्टल पर वैलिडेट करें।
- सही ITR फॉर्म: अपनी आय-स्रोतों के अनुरूप फॉर्म चुनें—गलत फॉर्म से रिजेक्शन या नोटिस आ सकता है।
- डेडलाइन और e-Verification: समय पर फाइल करें और 30 दिनों में e-Verify जरूर करें, वरना रिटर्न अधूरा माना जाएगा।
- TDS/टैक्स क्रेडिट मिलान: फॉर्म 26AS/ AIS/TIS से मैच करें, गलतियाँ रिफंड रोक सकती हैं।
- नोटिस का समय पर जवाब: कोई क्वेरी/नोटिस आए तो डेडलाइन के भीतर उत्तर दें, विलंब से पेनल्टी/इंटरेस्ट बढ़ सकता है।
किसे कौन सा ITR?
- ITR-1: सैलरी/एक घर/अन्य आय (लॉटरी/कसीनो को छोड़कर), कुल आय निर्धारित सीमा तक।
- ITR-2: कैपिटल गेन, एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी, विदेशी आय/एसेट्स आदि (बिना बिज़नेस/प्रोफेशन)।
- ITR-3: बिज़नेस/प्रोफेशन से आय।
- ITR-4 (Sugam): प्रिज़म्प्टिव टैक्सेशन (44AD/44ADA/44AE) के लिए उपयुक्त।
क्विक टिप्स—रिफंड जल्दी पाने के लिए
- प्री-फिल्ड डेटा अपडेट रखें—PAN, आधार, बैंक, ईमेल, मोबाइल सही हों।
- 26AS/AIS से डेटा मैच कर लें—मिसमैच रिफंड स्लो कर देता है।
- ई-वेरिफिकेशन तुरंत करें—डिले से प्रोसेसिंग भी डिले।
डिस्क्लेमर: यह लेख मार्गदर्शन हेतु है। जटिल आय/कैपिटल गेंस/विदेशी एसेट जैसे मामलों में अपने टैक्स एडवाइज़र/सीए से सलाह लें।