मिसाइलें, धमाके, परमाणु चेतावनी! इजराइल-ईरान युद्ध से थर्राई दुनिया, न्यूक्लियर तबाही का डर बढ़ा

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Israel Iran War

Israel Iran War: ईरान और इजराइल के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। दोनों देशों के शहर मिसाइल हमलों और धमाकों से दहल रहे हैं। राजधानी क्षेत्रों में सायरन की गूंज और (Israel Iran War)नागरिकों के बीच दहशत का माहौल है। इस बढ़ते टकराव के बीच परमाणु युद्ध की आशंका ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है।

इजराइली हमले और ईरान का NPT से हटने की चेतावनी

इजराइली सेना लगातार ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना रही है। वहीं ईरान ने भी जवाबी रुख अपनाते हुए परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की संभावनाएं जताई हैं। तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघेई ने कहा, “हालात को देखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा।”

क्या है NPT संधि?

परमाणु अप्रसार संधि (NPT – Nuclear Non-Proliferation Treaty) 1970 में लागू हुई थी। इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना, शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कार्य करना है। इसमें अब तक 191 देश शामिल हो चुके हैं।

CTBT संधि: व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि

CTBT (Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty) एक ऐसी संधि है जो सभी तरह के परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाती है। 1996 में प्रस्तावित यह संधि अभी तक लागू नहीं हो सकी है लेकिन इसने एक वैश्विक मानदंड स्थापित किया है।

TPNW: परमाणु हथियार निषेध संधि

TPNW (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons) 2017 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार की गई और 2021 में लागू हुई। इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है, लेकिन भारत समेत कई परमाणु संपन्न देशों ने इसका समर्थन नहीं किया है।

SALT संधि: अमेरिका-सोवियत परमाणु सीमा वार्ता

SALT (Strategic Arms Limitation Talks) संधियां अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुई थीं, जिनका उद्देश्य रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करना था। यह वार्ता दो चरणों में हुई: SALT I (1969-72) और SALT II (1972-79)।

भारत का दृष्टिकोण: क्यों नहीं जुड़ा भारत इन संधियों से?

  • NPT: भारत ने इसे असमान और भेदभावपूर्ण माना है।
  • CTBT: भारत का मानना है कि यह उसकी सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
  • TPNW: भारत इस संधि को अंतरराष्ट्रीय कानून में कोई नया मानक नहीं मानता और इससे उत्पन्न किसी दायित्व को स्वीकार नहीं करता।

दुनिया के परमाणु हथियारों का हाल

वर्तमान में 9 देश परमाणु हथियार संपन्न हैं: रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया। इन देशों के पास कुल मिलाकर 9614 से अधिक परमाणु हथियार हैं।

परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या:

  • रूस: 4309
  • अमेरिका: 3700
  • चीन: 600
  • फ्रांस: 290
  • ब्रिटेन: 225
  • भारत: 180
  • पाकिस्तान: 170
  • इजराइल: 90
  • उत्तर कोरिया: 50

 दुनिया न्यूक्लियर तबाही के कगार पर?

ईरान-इजराइल युद्ध की भयावहता को देखते हुए वैश्विक चिंता बढ़ गई है। परमाणु संधियों से हटने की चेतावनी और हमलों का सिलसिला इस आशंका को और गहरा कर रहा है कि कहीं यह युद्ध परमाणु तबाही में न बदल जाए।

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