भारतीय नौसेना की मौन सेवा की सराहना
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की रणनीतिक चुप्पी और शक्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि कैरियर बैटल ग्रुप की तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को बंदरगाहों तक सीमित कर दिया। अगर वे बाहर निकलते, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझने की आवश्यकता है कि आतंकवाद का खेल अब समाप्त हो चुका है। भारत अब हर प्रकार के साधनों का उपयोग करके आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आतंकवादियों की गिरफ्तारी की मांग
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान से हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों को भारत को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे इन आतंकवादियों को सौंप कर न्याय की दिशा में पहला कदम उठाना होगा। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना और नौसेना के बीच बेहतरीन समन्वय की सराहना की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के 96 घंटे के भीतर नौसेना के जहाजों ने मिसाइल और टॉरपीडो का सफल परीक्षण कर अपनी युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया।
ऑपरेशन सिंदूर: एक चेतावनी, न कि अंत
रक्षा मंत्री ने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, यह केवल एक विराम है। अगर पाकिस्तान ने फिर वही गलती दोहराई, तो भारत की प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भूमि, आकाश और समुद्र – तीनों मोर्चों पर भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई अपनी शर्तों पर रोकी थी, जबकि पाकिस्तान रुकने की गुहार लगा रहा था।
आईएनएस विक्रांत का गौरवशाली इतिहास
गोवा मुक्ति संग्राम में पुराने आईएनएस विक्रांत की भूमिका को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अब उसका नया स्वदेशी रूप आतंकवाद के विरुद्ध भारत के संकल्प का नेतृत्व कर रहा है।
नया युद्धक्षेत्र: साइबर और डेटा डोमिनेंस
अपने संबोधन के अंत में रक्षा मंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि साइबरस्पेस और डेटा प्रभुत्व के माध्यम से भी लड़े जाते हैं। उन्होंने भारतीय नौसेना को हिंद महासागर का प्रहरी और एक वैश्विक रणनीतिक शक्ति बताया।
भारतीय नौसेना का बढ़ता प्रभाव
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं रहा, बल्कि एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में भारतीय नौसेना की भूमिका निर्णायक है।
इस मौके पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, पश्चिमी नौसेना कमान के वाइस एडमिरल संजय जे सिंह और अन्य वरिष्ठ नौसेना अधिकारी भी मौजूद थे।