UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को लेकर अपनी बात मजबूती से रखी। इस बार भारत का रुख बेहद स्पष्ट और कठोर था। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की दोहरी नीति को बेनकाब किया और(UNGA) दुनिया को यह समझाया कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई क्यों जरूरी है।
1. आतंकवाद को समर्थन देने वालों को कीमत चुकानी होगी
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने भाषण में बिना किसी देश का नाम लिए स्पष्ट कर दिया कि जो देश आतंकवाद को संरक्षण देते हैं, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया को अब यह तय करना होगा कि वह आतंक के साथ खड़ी है या उसके खिलाफ।
2. पाकिस्तान को ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’ बताया
जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम न लेते हुए कहा कि दशकों से दुनिया के बड़े आतंकी हमलों की जड़ें एक ही देश से जुड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों की सूची को देखें तो उनमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, जो अपने आप में बहुत कुछ कहता है।
3. कश्मीर में मारे गए पर्यटकों की घटना का जिक्र
जयशंकर ने इस साल पहलगाम में हुए हमले का जिक्र किया जिसमें निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। उन्होंने इस घटना को सीमा पार आतंकवाद का ताजा उदाहरण बताया और कहा कि भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई की।
4. आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की अपील
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद कोई एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा है। इसलिए इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और समन्वय जरूरी है। उन्होंने देशों से अपील की कि वे राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर इस संकट के खिलाफ एक साथ खड़े हों।
5. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के दावों पर भारत का तंज
संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उस टिप्पणी पर कटाक्ष किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘हमने युद्ध जीत लिया.’ गहलोत ने जवाब दिया कि अगर जले हुए हवाई अड्डे और टूटी रनवे को जीत कहा जाता है, तो पाकिस्तान जरूर जश्न मना सकता है।
6. ‘ड्रामा और झूठ’ का करारा जवाब
गहलोत ने पाकिस्तान के आरोपों को “सुबह-सुबह का ड्रामा” बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि भारत का रुख आतंकवाद के खिलाफ बिल्कुल साफ है- “जीरो टॉलरेंस”. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के झूठ और प्रोपेगेंडा से सच्चाई दबाई नहीं जा सकती।
7. आतंकियों और उनके समर्थकों में फर्क नहीं
पेटल गहलोत ने दो टूक कहा कि भारत की नीति साफ है- आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वाले देशों के बीच कोई फर्क नहीं किया जाएगा। दोनों को एक ही नजर से देखा जाएगा और दोनों को ही उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
8. ‘परमाणु ब्लैकमेल’ की धमकियों पर भारत का जवाब
गहलोत ने पाकिस्तान की उस नीति की आलोचना की जिसमें वह “परमाणु हथियारों” की धमकी देकर अपनी आतंकवादी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसी किसी धमकी से डरने वाला नहीं है, और न ही वह आतंकवाद को बर्दाश्त करेगा।
9. पाकिस्तान की विदेश नीति में आतंकवाद मुख्य घटक
गहलोत ने पाकिस्तान की विदेश नीति को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की विदेश नीति का एक स्थायी और प्रमुख हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकवादियों को पनाह देता है, बल्कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण भी प्रदान करता है।
10. पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर
गहलोत ने कहा कि चाहे पाकिस्तान कितनी भी बार मंच पर जाकर “शांति” की बात करे, लेकिन उसकी नीयत और नीति दोनों आतंकवाद के समर्थन में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया अब इस सच्चाई को समझ रही है और भारत इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार उजागर करता रहेगा।
यह स्पष्ट है कि भारत अब पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़ी नीतियों को वैश्विक स्तर पर उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है।