Gaza Ceasefire: गाज़ा पट्टी में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में लाए गए तत्काल और स्थायी संघर्षविराम (Ceasefire) के प्रस्ताव पर ( Gaza Ceasefire)भारत द्वारा Abstain (मतदान से दूरी) बनाए रखने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
खड़गे: भारत की विदेश नीति बिखर चुकी है
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 149 देशों ने संघर्षविराम के समर्थन में वोट दिया, जबकि भारत केवल 19 देशों में शामिल था जिसने Abstain किया। यह भारत की परंपरागत नीति से खतरनाक विचलन है। प्रधानमंत्री मोदी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
प्रियंका गांधी: शर्मनाक और निराशाजनक निर्णय
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह निर्णय शर्मनाक और निराशाजनक है, खासकर तब जब 60,000 से अधिक लोग—ज्यादातर महिलाएं और बच्चे—इस युद्ध में मारे जा चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत अपने संवैधानिक और ऐतिहासिक मूल्यों से पीछे हट चुका है?
पवन खेड़ा: यह एक नैतिक कायरता है
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत का यह कदम हमारी उपनिवेशवाद विरोधी विरासत और गुटनिरपेक्षता की विचारधारा का उल्लंघन है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने अतीत में फिलिस्तीन का मजबूती से समर्थन किया था।
भारत का सफाई बयान: वार्ता और कूटनीति में विश्वास
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि भारत का Abstain करना उसके पिछले रुख के अनुरूप है और यह दर्शाता है कि भारत वार्ता और कूटनीति के ज़रिये स्थायी समाधान चाहता है।
UNGA मतदान परिणाम
- 149 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया
- 19 देशों ने Abstain किया (भारत सहित)
- 12 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया (अमेरिका और इज़राइल सहित)
- UK, ऑस्ट्रेलिया, जापान जैसे करीबी सहयोगी देशों ने समर्थन में वोट किया
कांग्रेस के तीखे सवाल
- क्या भारत अब अमेरिका और इज़रायल की लाइन पर चल रहा है?
- क्या गुटनिरपेक्षता और नैतिक नेतृत्व इतिहास बन जाएगा?
- क्या भारत अब मानवाधिकारों के मुद्दों पर मौन रहेगा?
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह रुख रणनीतिक हितों और पश्चिमी सहयोगियों के दबाव से प्रेरित हो सकता है, लेकिन यह भारत की वैश्विक छवि पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।