Gender Transition: क्या आपने कभी सोचा है कि एक लड़का अपनी पहचान को बदल सकता है? बीकानेर में यह केवल एक ख्वाब नहीं, बल्कि हकीकत बनकर उभरा है। (Gender Transition) इकतारा माहेश्वरी, जो पहले एक लड़के के रूप में जाने जाते थे, ने अपने जीवन के सबसे बड़े फैसले को बिना किसी डर के लिया। उनके परिवार ने न केवल उनके इस साहसिक कदम का समर्थन किया, बल्कि जब वे अपने नए रूप में घर लौटे, तो उनका भव्य स्वागत भी किया गया।
इकतारा ने बताया, “मेरा जन्म एक लड़के के रूप में हुआ था, लेकिन मेरे भीतर हमेशा एक लड़की की आत्मा थी। बचपन से मैंने लड़कियों की तरह तैयार होने की इच्छा महसूस की।” इस अद्वितीय यात्रा में उन्होंने अपने भीतर के सच को पहचानने और उसे अपनाने का साहस दिखाया। जब उन्होंने अपनी मां से अपने आकर्षण के बारे में बताया, तो परिवार ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, वह सभी के लिए एक चौंकाने वाला मोड़ था।
क्या यह कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की है, बल्कि यह समाज को एक नई दिशा भी दिखाती है? जानिए इकतारा की इस अनोखी यात्रा के बारे में, जो न केवल एक बदलाव की कहानी है, बल्कि साहस और स्वीकृति की मिसाल भी है।
तीन साल विदेश में बिताकर अपने नए रूप में घर लौटीं
इकतारा माहेश्वरी ने बताया कि अपने वास्तविक स्वरूप को पाने के लिए उन्होंने तीन साल विदेश में रहकर हार्मोनल चेंजेस करवाए। इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें शरीर के बालों को हटाने की असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ी। लाखों रुपये खर्च करने के बाद जब वह एक तारे के रूप में वापस लौटीं, तो उनका सबसे बड़ा डर यही था कि क्या उनका परिवार उन्हें स्वीकार करेगा।
लेकिन जब वह अपने नए रूप में घर के दरवाजे पर पहुंचीं, तो उनका स्वागत ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ हुआ। परिवार के सदस्य और आस-पड़ोस के लोग भी इस अनोखे उत्सव का हिस्सा बनने के लिए इकट्ठा हुए। रिश्तेदारों ने इकतारा का स्वागत करते हुए उन्हें गिफ्ट भी दिए।
एक तारे का नया रूप देखकर उनके पिता भी खुशी से भरे नजर आए। उन्होंने कहा, “किसी परिवर्तन को पहचान कर खुले दिल से स्वीकार करना और उसका साथ देना ही असली इंसानियत है।” इस प्रकार, इकतारा की यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित हुई है, जो सच्चे प्रेम और स्वीकृति का प्रतीक है।