Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उन्होंने अमेरिका, रूस और चीन के साथ मिलकर परमाणु निरस्त्रीकरण पर काम करने की रूपरेखा तैयार की है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब उन्होंने हाल ही में कुछ देशों के कथित परमाणु परीक्षणों का जिक्र करते हुए कहा था कि जब दूसरे देश परीक्षण कर रहे हैं तो अमेरिका भी पीछे नहीं रह सकता। ट्रंप ने कुछ समय पहले कहा था कि पाकिस्तान, रूस और चीन सहित कई देश न्यूक्लियर परीक्षण कर रहे हैं, और अमेरिका को इस पर सख्त रवैया अपनाना चाहिए। (Donald Trump)उन्होंने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री और अन्य देशों की तर्ज पर अमेरिका भी परीक्षणों के विकल्प पर विचार कर रहा है — लेकिन अब उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कदम उठाने का इरादा जाहिर किया है।
परमाणु निरस्त्रीकरण से क्या आशय है?
परमाणु निरस्त्रीकरण का तात्पर्य है हथियारों की संख्या कम करना या उन्हें पूरी तरह नष्ट कर देना — ताकि एक परमाणु-रहित या कम-परमाणु दुनिया का लक्ष्य हासिल किया जा सके। ट्रंप ने कहा है कि यह कदम वैश्विक सुरक्षा और लागत के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है।
ट्रम्प के इस ऐलान का कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर प्रभाव पड़ सकता है — खासकर जब वह पहले भी न्यूक्लियर मुद्दों पर विवादास्पद बयान दे चुके हैं। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए तीनों देशों के बीच भरोसा, सत्यापन तंत्र और अंतरराष्ट्रीय निगरानी आवश्यक होगी।
ट्रम्प इससे पहले भी परमाणु ऊर्जा, परीक्षण और निरस्त्रीकरण पर सार्वजनिक रूप से बात कर चुके हैं। उन्होंने साल की शुरुआत में भी कहा था कि परमाणु कार्यक्रम पर होने वाला खर्च और रणनीति पर चर्चा की जरूरत है, और यह देखना चाहिए कि क्या निरस्त्रीकरण संभव है।
आगे क्या होगा?
ट्रम्प ने फिलहाल रूपरेखा घोषित की है; इस पर क्या कार्रवाई होगी, कब और कैसे बातचीत शुरू होगी — यह अभी साफ नहीं है। ऐसे किसी भी कदम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता, निगरानी और समझौते जरूरी होंगे। विभिन्न देशों और सुरक्षा विश्लेषकों की प्रतिक्रियाएँ आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
