एके-47 की खरीद और बरामदगी

जांच में पाया गया कि मुजम्मिल ने ₹6.5 लाख में एक AK 47 खरीदी थी। यह हथियार बाद में आदिल के लॉकर से बरामद हुआ। जांच अधिकारियों के अनुसार मुजम्मिल का हैंडलर मंसूर था और उमर का हैंडलर हाशिम था—दोनों कथित तौर पर इब्राहिम नामक एक शख्स के तहत काम कर रहे थे।

तुर्की यात्रा और विदेशी कनेक्शन

स्रोतों का कहना है कि 2022 में ओकासा के निर्देश पर मुजम्मिल, आदिल और मुजफ्फर तुर्की गए थे। वहां उन्हें एक ऐसे व्यक्ति से मिलना था जो उन्हें अफगानिस्तान भेज दे, लेकिन कुछ दिनों बाद उसने मना कर दिया। ओकासा का संबंध कथित तौर पर टीटीपी (TTP) से जोड़ा जा रहा है और संपर्क टेलीग्राम आईडी के माध्यम से हुआ था—यह बातें जांच में सामने आईं।

विस्फोटक तैयारी और खरीददारी

जांच में यह भी उजागर हुआ कि डॉक्टर उमर इंटरनेट पर बम बनाने से जुड़ा वीडियो और साहित्य पढ़ता था। विस्फोटक बनाने के लिए आवश्यक कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व सामग्रियों की खरीद की बात भी संदर्भ में आई है। कथित तौर पर कुछ उपकरणों की खरीद के प्रमाणों पर भी जांच चल रही है।

पैसों को लेकर झगड़ा और योजना का खुलासा

यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर मुजम्मिल और उमर के बीच पैसों को लेकर एक बड़ा झगड़ा हुआ था, जिसे कई लोगों ने देखा था। इसके बाद, बताया गया कि उमर ने अपनी लाल इको कार और विस्फोटकों सहित कुछ सामग्री मुजम्मिल को दे दी। उमर ने कथित तौर पर विस्फोटक और रसायनों को रखने के लिए एक डीप फ्रीजर खरीदा था—जिसमें वे विस्फोटक तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। जांच के संस्थागत बयानों के मुताबिक इन सामग्रियों के इकट्ठा होने और इन्हें विभिन्न स्थानों पर समन्वित रूप से विस्फोट कराने की योजना पर भी काम चल रहा था।

NIA की वर्तमान स्थिति और आगे की कार्यवाही

NIA इस पूरे नेटवर्क और उसके संभावित सहयोगियों की पड़ताल कर रही है। जांच में हथियार, लॉकर से बरामद सामग्री और विदेशी संपर्कों के प्रमाण महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। अधिकारी अब तक प्राप्त सबूतों की क्रॉस-परख कर रहे हैं और आगे गिरफ्तारी व अभियोजन की कार्यवाही संभव है।

“यह मामला देश के खिलाफ रची गई साजिश के इशारे देता है; पूरी जांच चल रही है और हम हर कड़ी को उजागर करेंगे।” — एनआईए सूत्र

10 नवंबर के विस्फोट ने पूरा देश हिला दिया था—शोक और आक्रोश दोनों व्याप्त हैं। दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दिलाने की मांग तेज है।