China bamboo rat farming: भारत में आमतौर पर सब्जी, फल, पोल्ट्री या बकरी पालन की खेती सुनी और देखी जाती है, लेकिन चीन में एक अनोखा और तेजी से बढ़ता व्यवसाय उभर रहा है — बैंबू रैट्स (Bamboo Rats) की खेती। यह व्यवसाय न सिर्फ लाभकारी साबित हो रहा है, (China bamboo rat farming)बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आय के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है।
क्या हैं बैंबू रैट्स?
- बैंबू रैट्स सामान्य चूहों से बड़े आकार के होते हैं, जिनका वजन 2 से 3 किलो तक होता है।
- इनका मुख्य आहार बांस होता है, इसलिए इन्हें बैंबू रैट कहा जाता है।
- चीन में इन्हें “Rhizomys sinensis” के नाम से जाना जाता है।
कैसे होती है बैंबू रैट्स की खेती?
- किसान जंगलों से इन्हें पकड़कर पिंजरों में पालते हैं।
- एक पिंजरे में 2-3 रैट्स को रखा जाता है, एक मादा 4-5 बच्चे देती है।
- आहार में मुख्य रूप से बांस और गन्ना शामिल होता है, जिससे मांस का स्वाद बेहतर होता है।
- दांत और वजन देखकर इनकी परिपक्वता का आकलन किया जाता है।
आर्थिक लाभ और रोजगार के अवसर
चीन के कई प्रांतों में बैंबू रैट पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बन चुका है। एक किसान 20 जोड़ों का पालन करके सालाना ₹1.5 लाख से ₹3 लाख तक कमा सकता है। इससे गरीब परिवार गरीबी से ऊपर उठने में सक्षम हो रहे हैं।
बैंबू रैट की बढ़ती मांग और खपत
- चीन में बैंबू रैट्स को एक खास डेलिकेसी माना जाता है।
- इसे गार्लिक-चिली सूप, ग्रिल्ड या भुना हुआ व्यंजन के रूप में खाया जाता है।
- स्वादिष्ट और पौष्टिक होने के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
कोविड-19 के बाद का परिदृश्य
कोविड-19 महामारी के बाद चीन सरकार ने जंगली जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, जिससे इस व्यवसाय को अस्थायी झटका लगा। लेकिन अब सरकार ने किसानों को प्रशिक्षण और मुआवजा देकर इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं, ताकि यह व्यवसाय सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से जारी रह सके।
बैंबू रैट की खेती चीन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए न केवल एक आय का स्रोत है, बल्कि यह पारंपरिक कृषि से हटकर नई दिशा भी प्रदान कर रहा है।