किस तरह की टिप्पणी की गई?

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “तेजस्वी यादव भूल गए हैं कि मुख्यमंत्री का चुनाव जनता करती है, पार्टी केवल सीएम उम्मीदवार का चुनाव करती है। उन्होंने अपने इरादे बता दिए हैं। अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वक्फ कानून का मामला नहीं होगा, क्योंकि वह बिहार में शरिया कानून लागू करेंगे।”

तेजस्वी का पीएम मोदी पर करारा प्रतिशोध

वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले उन पर तीखा प्रहार किया। पटना में संवाददाताओं से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री “बिहार को धोखा देने” आ रहे हैं और सिर्फ रैली व दौरे से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। उन्होंने केंद्र से बिहार के लिए पारदर्शी आवंटन की मांग करते हुए पूछा कि पिछले 11 वर्षों में गुजरात को क्या मिला और बिहार को क्या मिला — इसका हिसाब दे दिया जाए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार का दौरा 30 अक्टूबर को करेंगे। इसकी रूपरेखा के मुताबिक वह मुजफ्फरपुर और छपरा में दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

चुनाव तिथियां

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

चुनावी माहौल में ऐसे बयान जनता के मूड को प्रभावित कर सकते हैं। शरिया जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दिए आरोप और उनका सार्वजनिक मंच पर जवाब चुनावी बहस की दिशा तय कर सकते हैं। राजनीतिक दलों को इस तरह की चर्चाओं का केंद्र समीक्षात्मक व तथ्यात्मक होना चाहिए ताकि मतदाता सूचना के आधार पर निर्णय ले सकें। “देखिए, चुनाव के लिए सभी को आना पड़ता है। उनके आने से क्या फर्क पड़ेगा? हर कोई जानता है कि वह बिहार को धोखा देने आ रहे हैं।” — तेजस्वी यादव