Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर लगभग सहमति बना ली है। राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 240 पर गठबंधन के घटकों के बीच सहमति हो चुकी है, (Bihar Assembly Election 2025:)जबकि शेष तीन सीटों को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपी) के बीच बातचीत जारी है।
एनडीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू को 101 सीटें, बीजेपी को 100, चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 26, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 7 तथा उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6 सीटें मिलेंगी।
बीजेपी के प्रमुख नेताओं को मिलेगा टिकट
एनडीए की इस बैठक में यह भी तय किया गया कि बीजेपी अपने प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारेगी। इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे शामिल हैं। गठबंधन की बैठक शनिवार को भी जारी रहने की संभावना है, और शाम तक सीट शेयरिंग फॉर्मूले का आधिकारिक ऐलान हो सकता है। इसके बाद सभी दल अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करेंगे। बिहार में पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है, जिससे पहले सभी दलों को उम्मीदवारों के नाम तय करने और नामांकन पत्र चुनाव अधिकारी के समक्ष जमा करने होंगे।
दो चरणों में होंगे चुनाव, नतीजे 14 नवंबर को
चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तथा दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा। सभी 243 सीटों के परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
2020 चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की एलजेपी एनडीए का हिस्सा नहीं थी, जिसका असर जेडीयू पर पड़ा था। उस चुनाव में बीजेपी ने अकेले 74 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू को 43 सीटें मिलीं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) को क्रमशः 4-4 सीटें प्राप्त हुईं। कुल मिलाकर एनडीए को 125 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े 122 से महज 3 अधिक थीं। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और इस संकीर्ण बहुमत ने एनडीए के लिए चुनौतियां खड़ी की थीं।
एनडीए की रणनीति: मजबूत गठबंधन
एनडीए इस बार मजबूत गठबंधन के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है, ताकि 2020 जैसी संकट की स्थिति न दोहराई जाए। विपक्षी महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हैं, लेकिन एनडीए की एकजुटता को मजबूत माना जा रहा है।