गहलोत की सक्रियता के पीछे का रहस्य, क्या राजस्थान में सियासी ताकत का नया अध्याय शुरू हो रहा है?

75
Ashok Gehlot

Ashok Gehlot: राजस्थान की सियासत में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बढ़ती सक्रियता चर्चा का विषय बन गई है। विधानसभा चुनाव में हार और पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी न होने के बावजूद गहलोत प्रदेश भर में दौरे कर रहे हैं, जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और सोशल मीडिया के जरिए वर्तमान सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

उनकी यह सक्रियता कई सवाल खड़े कर रही है। (Ashok Gehlot)क्या गहलोत अपनी पुरानी सियासी जमीन को फिर से मजबूत कर रहे हैं? क्या वे कांग्रेस में कोई नई भूमिका निभाने की तैयारी में हैं, या फिर यह उनकी जनता से जुड़ने की पुरानी शैली है?

NSUI से सक्रिय राजनीति की शुरुआत, जनता से जुड़ाव की पुरानी आदत

बीकानेर में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने अपनी सक्रियता पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “देखिए भाई साहब, आप पत्रकार लोग जानते होंगे, सीनियर लोग भी जानते हैं। जब से मैंने NSUI से राजनीति शुरू की, उस दिन से आज तक मैं हमेशा सक्रिय रहा हूं। चाहे सत्ता में रहा हो या नहीं, यह मेरी फितरत है। जनता की सेवा करना और उनकी समस्याओं को सुनना, यह मेरी आदत है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सत्ता में रहते हुए या नहीं, उनका जनता से संपर्क कभी नहीं टूटा। गहलोत ने बताया कि आज भी जयपुर में उनके घर पर हर दिन 100-200 लोग आते हैं, और वे सिर्फ इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि गहलोत उनकी बातें सुनेंगे और समझेंगे।

सरकार पर हमला, जनता से मजबूत संबंध

राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं में गहलोत की सोशल मीडिया उपस्थिति सबसे प्रभावशाली मानी जाती है। उनकी रोजाना की पोस्ट्स, चाहे वह भजनलाल सरकार की नीतियों पर हमला हो या जनता से मुलाकात के वीडियो, हमेशा चर्चा का विषय बनती हैं। गहलोत न सिर्फ सरकार की कमियों को उजागर कर रहे हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं और जनता के बीच अपनी पहुंच को भी मजबूत कर रहे हैं। इस सक्रियता से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर रहा है, और विपक्षी खेमे में भी हलचल मच रही है।

“कोई गुटबाजी नहीं, सब समाप्त हो चुकी है”

कांग्रेस में गुटबाजी और मतभेद की अटकलों पर गहलोत ने पत्रकारों को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैं मीडिया वालों से कहना चाहूंगा, कृपया हम पर कृपा रखें। कोई दूरी नहीं है, सब समाप्त हो चुकी है। अगर अब आप लोग गुटबाजी की बात करेंगे, तो मैं समझूंगा कि यह मीडिया की उपज है। हमारे हिसाब से कोई मतभेद नहीं, कोई गुटबाजी नहीं।”

गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान कांग्रेस में एकजुटता है और यदि गुटबाजी की बात उठती है, तो इसके लिए मीडिया जिम्मेदार होगा। बीकानेर में उनके पोस्टर न लगने की बात पर गहलोत ने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया, “यह छोटी-मोटी बातें छोड़ो। कई जगह मेरे पोस्टर नहीं लगते, तो क्या फर्क पड़ता है? जिंदगी भर इतने पोस्टर लग चुके हैं। किसी कार्यकर्ता को किसी का फोटो लगाना है तो वह लगाए, मुझे इन बातों से फर्क नहीं पड़ता।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here