Rajasthan: गहलोत ने कहा…राजस्थान में जिलों की कमी नहीं, प्रशासनिक सुधार की जरूरत है

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Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार द्वारा 9 नए जिलों को समाप्त करने के फैसले की तीखी आलोचना की है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गहलोत ने इस कदम को जल्दबाजी और राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया। (Rajasthan News)उन्होंने सवाल उठाया कि एक साल पहले बनाए गए इन जिलों को अब क्यों समाप्त किया जा रहा है, जबकि राज्य में लंबे समय से प्रशासनिक सुधार की मांग हो रही थी।

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उदाहरण से दिया तर्क

गहलोत ने अपने बयान में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जिनकी भौगोलिक स्थिति राजस्थान से छोटी होने के बावजूद अधिक जिले हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में नए जिलों की जरूरत थी, ताकि प्रशासनिक कार्यों को बेहतर बनाया जा सके और योजनाओं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन हो सके।

राजनीतिक पूर्वाग्रह और प्रशासनिक लापरवाही पर निशाना

गहलोत ने आरोप लगाया कि इस फैसले के पीछे एक भाजपा से जुड़ा अधिकारी है, जो इस कदम को राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित बनाता है। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए, जो प्रशासनिक कार्यों और विकास योजनाओं में सुस्ती दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो और सड़क निर्माण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में देरी हो रही है, जिससे राज्य की छवि और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।

कानून-व्यवस्था और अपराधों में वृद्धि पर चिंता

गहलोत ने जोधपुर में बढ़ते अपराधों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जहां एक साल में 12-15 हत्याएं हो चुकी हैं, जो कानून व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने राज्य में बढ़ती महंगाई और अपराधों को लेकर भी चिंता व्यक्त की।

मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाया

पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया, विशेष रूप से गोदी मीडिया की भूमिका को लेकर। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के डर से पत्रकार स्वतंत्र रूप से लिखने में संकोच करते हैं, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।

जनहित में सरकार के फैसले की आलोचना

अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार के इस फैसले को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह कदम जनहित के खिलाफ है। उन्होंने पत्रकारों और नागरिक समाज से अपील की कि वे इन मुद्दों को उठाएं और जनता को सच्चाई से अवगत कराएं। राज्य में प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता और नए जिलों के महत्व पर बहस ने अब फिर से जोर पकड़ लिया है, और जनता सरकार की अगली कार्रवाई का इंतजार कर रही है।

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