Indian Navy: आज भारतीय नौसेना को समंदर के दो प्रहरी मिलने जा रहे हैं – INS उदयगिरी और INS हिमगिरी। दोनों युद्धपोत आज दोपहर 2.45 बजे भारतीय नौसेना बेड़े में शामिल होंगे। यह पहला मौका है जब दो भारतीय शिपयार्डों में बने दो युद्धपोतों को एक साथ नौसेना में शामिल किया जा रहा है। (Indian Navy)INS उदयगिरी और INS हिमगिरी दोनों युद्धपोत भारतीय शिपयार्डों में बने हैं। इन युद्धपोतों में अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएँ और स्वदेशी निर्माण की प्रक्रिया को देखा जा सकता है।
स्वदेशी युद्धपोत की खासियत
- INS उदयगिरी मझगांव डॉक्यार्ड में जबकि INS हिमगिरी कोलकाता शिपयार्ड में बनाया गया है।
- इनका वजन करीब 6,670 टन और लंबाई 149 मीटर है। ये दोनों युद्धपोत लगभग 15 मंजिला इमारत जितने ऊंचें हैं।
- इनकी स्पीड 52 किलोमीटर प्रति घंटा है और इनकी रेंज 10,000 किलोमीटर से ज्यादा है।
- दोनों पोत हेलिकॉप्टर ऑपरेशन के लिए सी किंग हेलिकॉप्टर ले जा सकते हैं।
- INS उदयगिरी और INS हिमगिरी को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस किया गया है।
- इन युद्धपोतों में ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता है और ये गहरे पानी में पनडुब्बियों का पता भी लगा सकते हैं।
स्वदेशी निर्माण और MSME का योगदान
INS उदयगिरी और INS हिमगिरी का निर्माण 200 से अधिक MSME कंपनियों की मदद से हुआ है। इससे 4,000 लोगों को सीधी नौकरी मिली है, जो देश की इंडस्ट्रियल क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ेगी नौसेना की ताकत
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, INS उदयगिरी और INS हिमगिरी को प्रोजेक्ट 17A के तहत डिजाइन किया गया है। इन युद्धपोतों की तैनाती से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत में और भी इजाफा होगा।
INS हिमगिरी और INS उदयगिरी का निर्माण
INS हिमगिरी को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने और INS उदयगिरी को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। दोनों युद्धपोतों का निर्माण अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं के साथ किया गया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी हैं।