Agnee 5: ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से 20 अगस्त 2025 को भारत ने मध्यम-दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। अग्नि-5 MIRV तकनीक से लैस है, यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है। इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था। इसकी रेंज 5000 किलोमीटर है, जिससे यह मिसाइल पाकिस्तान, चीन, तुर्की समेत कई देशों तक हमला करने में सक्षम है।
अग्नि-5 की खासियत और क्षमता
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर-कॉंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
- मारक क्षमता: इसकी रेंज 5000 किलोमीटर से ज्यादा है, जो चीन, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों तक पहुंच सकती है।
- MIRV तकनीक: MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस है, जिससे एक ही मिसाइल से कई टारगेट्स पर हमला किया जा सकता है।
- न्यूक्लियर क्षमता: अग्नि-5 डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
- रफ्तार: इसकी रफ्तार मैक 24 है, यानी आवाज की गति से 24 गुना तेज।
- कैनिस्टर लॉन्चिंग सिस्टम: इसका लॉन्चिंग सिस्टम कैनिस्टर तकनीक पर आधारित है, जिससे इसे आसानी से कहीं भी ले जाया और लॉन्च किया जा सकता है।
भारत के लिए बड़ी मिसाइल उपलब्धि
पूरी तकनीक, रॉकेट, नेविगेशन और प्रोपल्शन सिस्टम 100% स्वदेशी हैं। इस समय भारत के अलावा केवल आठ देशों के पास ICBM है, जिसमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इज़राइल, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हैं। अग्नि-5 मिसाइल की यह सफलता भारत की रक्षा और मिसाइल तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
अग्नि-5 मिसाइल की शक्ति
अग्नि-5 न सिर्फ लंबी दूरी तक वार कर सकती है, बल्कि एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने में भी सक्षम है। यह भारत की रक्षा प्रणाली को और भी मजबूत बनाती है और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है।