batla house encounter: दिल्ली में संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर कड़ी टिप्पणी की। शाह ने कांग्रेस की आतंकी सहानुभूति की ओर इशारा करते हुए कहा कि पार्टी के लोग अक्सर आतंकवादियों के लिए भावुक हो जाते हैं, (batla house encounter)लेकिन देश के शहीदों के लिए उनकी संवेदनाएं कहां हैं? खासकर, जब बात बाटला हाउस एनकाउंटर की आती है।
आतंकी के लिए क्यों रोते हैं सोनिया गांधी?”
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में आरोप लगाया कि जब उन्होंने बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीर सोनिया गांधी को दिखाई थी, तो वह रो पड़ी थीं। शाह ने सवाल उठाया कि सोनिया गांधी को आतंकवादियों के लिए क्यों रोना आता है, जबकि शहीद पुलिस अधिकारी मोहन शर्मा के लिए उनके आंसू क्यों नहीं गिरते?
अमित शाह की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके परिवार की दुखद घटनाओं के बारे में सवाल उठाना गलत है। प्रियंका ने बताया कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे जब उनके पिता, राजीव गांधी, आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे। हालांकि, प्रियंका ने स्वीकार किया कि उनकी मां बाटला हाउस एनकाउंटर पर भी रोई थीं।
बाटला हाउस एनकाउंटर: क्या हुआ था?
19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बाटला हाउस में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारी मोहन शर्मा शहीद हो गए थे, जबकि दो आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे। यह मुठभेड़ उस समय के दिल्ली में हुए बम धमाकों के संदर्भ में थी, जिसमें 30 लोग मारे गए थे।
राजनीतिक विवाद: फर्जी एनकाउंटर के आरोप
बाटला हाउस एनकाउंटर को लेकर देशभर में राजनीतिक विवाद हुआ था। कुछ नेताओं ने इसे फर्जी करार दिया था, जबकि बीजेपी ने इसे दिल्ली पुलिस की साहसिक कार्रवाई बताया था। कांग्रेस के कुछ नेता इस घटना पर सवाल उठा रहे थे, जबकि बीजेपी ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ दिया था।
सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया
बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठे थे। हालांकि, उन्होंने कभी इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा। जबकि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी इस घटना पर रोई थीं, उन्होंने न तो इसका स्वीकार किया और न ही इससे इनकार किया।
बीजेपी का रुख: “एनकाउंटर सही था”
बीजेपी ने इस एनकाउंटर को पूरी तरह सही बताया था और इसे पुलिस की साहसिक कार्रवाई माना। पार्टी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते वह इस एनकाउंटर को सवालों के घेरे में लाती है और देश के शहीद पुलिस अधिकारी के बलिदान का अपमान करती है।
इस मामले को लेकर राजनीति अब भी गर्म है, और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।