किसानों का सड़कों पर बड़ा प्रदर्शन, राजस्थान के हाईवे पर ट्रैफिक ठप, सरकार पर बढ़ा दबाव!

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Bikaner News: राजस्थान के किसानों ने अब सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल दिया है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जैसलमेर के हजारों किसान आज इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) से अतिरिक्त पानी की मांग को लेकर हाईवे जाम करेंगे। (Bikaner News)किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने तुरंत सिंचाई पानी की आपूर्ति नहीं की, तो आंदोलन और उग्र होगा।

हजारों किसान सड़कों पर, प्रशासन के हाथ-पांव फूले!

शनिवार को लूणकरनसर से लेकर खाजूवाला तक के किसानों ने नेशनल हाईवे-911 और 620 आरडी के साथ-साथ घड़साना टोल नाके पर बीकानेर-श्रीगंगानगर हाईवे को पूरी तरह से जाम करने का ऐलान किया है। इस बीच, प्रशासन और पुलिस हाई अलर्ट पर है, लेकिन किसानों के तेवर को देखकर स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है।

पानी के बिना बर्बादी के कगार पर किसान, अब आर-पार की लड़ाई!

किसानों का कहना है कि सरकार ने सिंचाई के लिए जरूरी पानी रोक दिया है, जिससे फसलें सूखने लगी हैं। श्रीगंगानगर के किसान नेता सुभाष बिश्नोई ने चेतावनी दी है कि अगर 1000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं मिला, तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा,

“अगर सरकार हमारी नहीं सुनेगी, तो हमें भी सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह अब सिर्फ पानी की लड़ाई नहीं रही, बल्कि किसानों के अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है।”

सरकार ने झाड़ा पल्ला, किसान बोले—अब चुप नहीं बैठेंगे!

अनूपगढ़ विधायक शिमला देवी ने किसानों की मांग को राजस्थान विधानसभा में उठाया था, लेकिन सरकार अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। विधायक का कहना है कि उन्होंने जल संसाधन मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से कई दौर की वार्ता की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।

पहले धरना, अब हाईवे जाम—किसानों की आखिरी उम्मीद!

घड़साना, अनूपगढ़, खाजूवाला और रावला के किसान पहले से ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तो अब किसानों ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा।

IGNP नहर: राजस्थान की लाइफलाइन या किसानों की परेशानी?

इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) राजस्थान के 10 जिलों—गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू, झुंझुनू और सीकर को पानी उपलब्ध कराती है। लेकिन अब यह परियोजना राजनीति का शिकार होती दिख रही है।

“अगर सरकार समय पर पानी नहीं देगी, तो हजारों किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएंगी, और सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।” — किसान नेता

आगे क्या? सरकार झुकेगी या आंदोलन होगा और उग्र?

अब सवाल यह है कि क्या सरकार किसानों की मांग मानकर अतिरिक्त पानी की आपूर्ति करेगी, या फिर यह आंदोलन और विकराल रूप लेगा?
अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन पूरे राजस्थान में फैल सकता है।

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