गोरे किसानों पर नस्लीय हिंसा का आरोप, ट्रंप का साउथ अफ्रीका पर गुस्सा फूटा, मदद पर लगाई रोक

Donald Trump

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर आरोप लगाया कि वहां गोरे किसानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे एक “genocide” (नरसंहार) करार दिया और कहा कि इस तथ्य को दुनिया से छिपाया जा रहा है। ट्रंप ने इस बयान (Donald Trump)के साथ साउथ अफ्रीका की नीतियों पर वैश्विक बहस छेड़ दी है।


नस्लीय हिंसा या सामान्य अपराध?

ट्रंप ने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका की अश्वेत सरकार गोरे किसानों के खिलाफ नस्लीय नफरत फैला रही है। दूसरी ओर, साउथ अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देश में हिंसक अपराध जरूर हैं, पर उनका नस्ल से कोई लेना-देना नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में 50 से अधिक गोरे दक्षिण अफ्रीकियों को अमेरिका में शरण दी, यह कहते हुए कि वे अपनी ही सरकार के उत्पीड़न के शिकार हैं। ट्रंप ने इन लोगों को अफ्रीकन समुदाय का हिस्सा बताते हुए नस्लीय हिंसा का शिकार बताया।


‘ट्रंप को गुमराह कर रही लॉबी’

साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ट्रंप को गलत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने अमेरिकी रूढ़िवादी लॉबी और अफ्रीकी समूहों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

रामफोसा सरकार ने 2024 की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में इजरायल के खिलाफ नरसंहार का केस दायर किया था। इस कदम को ट्रंप ने अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल के खिलाफ बताया और आलोचना की।


ट्रंप का पलटवार: पाबंदियां और सहायता बंद

7 फरवरी को ट्रंप ने कार्यकारी आदेश जारी कर साउथ अफ्रीका पर पाबंदियां लगा दीं और अमेरिका की ओर से दी जाने वाली सभी सहायता रोक दी। उन्होंने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका का यह कदम हमास को समर्थन देने जैसा है।

ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर ईरान के साथ बढ़ते व्यापारिक और सैन्य संबंधों का भी आरोप लगाया। हालांकि, साउथ अफ्रीका ने यह स्वीकार किया कि उसके ईरान के साथ राजनयिक संबंध हैं, लेकिन परमाणु समझौता नहीं है।


G20 का बहिष्कार: अमेरिका ने बनाई दूरी

2025 में साउथ अफ्रीका पहली बार G20 की अध्यक्षता कर रहा है, लेकिन अमेरिका ने इसके कई कार्यक्रमों का बहिष्कार किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 बैठक में हिस्सा नहीं लिया। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह साउथ अफ्रीका के एजेंडे का समर्थन नहीं करता।

अमेरिका की गैर-भागीदारी से साउथ अफ्रीका को उन वैश्विक मुद्दों पर नुकसान हो सकता है जिन्हें वह G20 के मंच पर प्रमुखता देना चाहता था।


रिश्तों को सुधारने की कोशिश में रामफोसा

राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा है कि वे अगले सप्ताह व्हाइट हाउस जाकर ट्रंप से मिलेंगे। उनका मकसद अमेरिका और साउथ अफ्रीका के बीच रिश्तों को ‘रीसेट’ करना है और गलतफहमियों को दूर करना है। डोनाल्ड ट्रंप और साउथ अफ्रीका के बीच बढ़ते मतभेद कई वैश्विक मुद्दों पर असर डाल सकते हैं — खासकर इजरायल, हमास और ईरान जैसे संवेदनशील मामलों पर। अब देखना यह है कि क्या रामफोसा की पहल से दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत हो सकती है।

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