Who is Justice Sanjiv Khanna: भारत की न्यायिक प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं। (Who is Justice Sanjiv Khanna)संवैधानिक कानून, वाणिज्यिक न्याय, और पर्यावरण कानून में महारत हासिल करने वाले खन्ना का करियर उल्लेखनीय उपलब्धियों और महत्वपूर्ण फैसलों से भरा है। उन्होंने चुनावी सुधार, अनुच्छेद 370 और पारदर्शिता जैसे संवेदनशील मामलों में सटीक और प्रभावी निर्णय देकर न्यायिक क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद खन्ना का यह कार्यकाल न्यायिक सुधारों और कानून के प्रति नई दृष्टि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कानूनी करियर
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया और अपने कानूनी करियर की शुरुआत की। खन्ना ने जिला न्यायालय, तीस हजारी से प्रैक्टिस शुरू की और फिर दिल्ली उच्च न्यायालय में संवैधानिक, कराधान, मध्यस्थता और पर्यावरण कानून जैसे विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की। उन्हें 24 जून 2005 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 20 फरवरी 2006 को स्थायी न्यायाधीश बने।
सुप्रीम कोर्ट में योगदान
18 जनवरी 2019 को न्यायमूर्ति खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। तब से उन्होंने संवैधानिक, वाणिज्यिक, और पर्यावरण कानून सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय दिए हैं। चुनाव सुधारों, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, और आरटीआई जैसे मामलों में उन्होंने ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। इसके अलावा, वे सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
महत्वपूर्ण फैसले और योगदान
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपने सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं:
- वीवीपीएटी सत्यापन: 2024 में, चुनाव सुधार के मामले में उन्होंने 100% वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका को खारिज कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए सुरक्षा उपायों की पुष्टि की।
- चुनावी बांड योजना: चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया और राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता की कमी पर जोर दिया।
- अनुच्छेद 370: 2023 में, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का समर्थन किया।
- अनुच्छेद 142 के तहत तलाक: शिल्पा शैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन मामले में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को बरकरार रखा।
- आरटीआई का विस्तार: 2019 में, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यालय को आरटीआई के दायरे में लाया।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की 11 नवंबर 2024 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ होगी। वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण करेंगे। खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। न्यायपालिका में पारिवारिक पृष्ठभूमि होने के कारण वे न्यायिक परंपराओं का पालन करते हुए सुधारों और न्यायिक स्वतंत्रता के संरक्षण पर ध्यान देंगे।