रूस के अंदर यूक्रेन का जबरदस्त हमला, तेल डिपो और गैस पाइपलाइनों को बनाया निशाना!”

Ukraine attacks Russia

Ukraine attacks Russia: यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग अब सीमाओं से बाहर निकल कर सीधे रूस के भीतर दस्तक दे रही है। लगातार तीसरे दिन यूक्रेन ने रूस के अंदर गहरे निशाने लगाए हैं, वो भी ऐसी जगहों पर, जहां अब तक सुरक्षा की मजबूत परत मानी जाती थी। (Ukraine attacks Russia)ड्रोन हमलों की यह श्रृंखला सिर्फ सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रही, बल्कि रूस के तेल डिपो, गैस पाइपलाइनों और सप्लाई चेन को भी सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया है। यह स्पष्ट करता है कि यूक्रेन अब पारंपरिक रक्षा से आगे बढ़कर एक दीर्घ दूरी की सटीक हमले वाली रणनीति पर काम कर रहा है।

सोची में तेल डिपो पर हमला

शनिवार को यूक्रेन ने रूस के सोची क्षेत्र में एक तेल डिपो को नष्ट कर दिया। साथ ही वोल्गोग्राद में गैस पाइपलाइन पर ड्रोन हमला कर रूस के औद्योगिक ढांचे को भी झटका दिया। इस हमले से मशीन प्लांट, मिग एयरक्राफ्ट फैक्ट्री और गोला-बारूद निर्माण इकाइयों को काम रोकना पड़ा है। इसके अलावा, काला सागर क्षेत्र में यूक्रेन ने समुद्री मार्ग से भी बड़ी कार्रवाई की। ड्रोन और माइन्स की मदद से पुलों और रेलवे स्टेशनों को भी टारगेट किया गया। खास बात यह है कि ये हमले अब रूस के 500–850 किमी गहरे इलाकों तक पहुंचने लगे हैं।

रूस के 93 ड्रोन मार गिराए, लेकिन हमले थमे नहीं

रूस ने शनिवार की रात 93 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराने का दावा किया, लेकिन बावजूद इसके धमाके, आग और तबाही नहीं रुकी। सोची के एयरपोर्ट पर 52 उड़ानें रोकनी पड़ीं, वहीं बेलगोरोद, वोरोनिश और ब्रियांस्क जैसे शहरों में भी यूक्रेन ने कई रणनीतिक प्रहार किए।

रोसनेफ्ट ऑयल डिपो पर हमला

रूस के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले “रोसनेफ्ट” ऑयल डिपो पर हमला बताता है कि यूक्रेन को अब अत्याधुनिक टारगेटिंग इंटेलिजेंस और लंबी दूरी की मारक क्षमता हासिल हो चुकी है।

नाटो का सहयोग और अमेरिकी रणनीति का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन की यह नई रणनीति अमेरिका और यूरोपीय सैन्य इंटेलिजेंस के सक्रिय सहयोग से संभव हुई है। GBU गाइडेड बम, नवीनतम ड्रोन तकनीक, और रियल-टाइम टारगेटिंग डेटा यूक्रेन को न केवल जवाबी हमले का, बल्कि रूस के अंदर तक सैन्य संतुलन बिगाड़ने का साधन दे रहे हैं।

जेलेंस्की की बदली हुई भाषा, रूस को दी चेतावनी

हमलों के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बयानों में भी स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है। जहां वे पहले हथियारों के लिए पश्चिमी देशों से अपील करते थे, अब वे खुले तौर पर रूस को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर युद्ध को खींचा गया, तो उसका अंजाम रूस के भीतर झेलना होगा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और रूस की चिंता

जर्मनी से यूक्रेन को जल्द ही एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है, जिससे कीव जैसे शहरों की सुरक्षा और मजबूत होगी। पोलैंड भी नया हथियार पैकेज देने की तैयारी कर रहा है। वहीं रूस के अंदर बढ़ती जनता की नाराजगी, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और हमलों के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

 

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