21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या, जानें कैसे पितृ दोष से मुक्ति पाएं और घर में सुख-शांति लाएं!

Pitri Dosh se Mukti

Pitri Dosh se Mukti: हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दिनों को बेहद खास और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध कर्म करते हैं। पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए कई सारे उपाय किए जाते हैं। पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या पर इसका समापन होता है। यह 15 दिन बेहद खास माने जाते हैं, इस दौरान लोग (Pitri Dosh se Mukti)अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी।

पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं

सर्वपितृ अमावस्या के दिन यह उपाय आप जरुर करें। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ पर पितरों और देवताओं का वास माना जाता है। वास्तु उपाय के रूप में आप सर्वपितृ अमावस्या को शाम के समय सूर्योस्त होने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जरुर जलाएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृदोष दूर हो जाता है। घर में धन-धान्य के भंडार लगे रहते हैं।

मुख्य द्वार पर चौमुखा दीया जलाएं

आप अपने घर के मुख्य द्वार पर चौमुखा यानी चार मुख वाला दीपक जलाएं। सर्वपितृ अमावस्या के दिन मुख्य द्वार पर घी का चारमुखी दीपक जरुर जलाएं, ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी। मुख्य द्वार पर चौमुखा दीया जलाना शुभ माना जाता है। क्योंकि इसे चारों दिशाओं में रोशनी फैलाने वाला दीपक कहा जाता है। घर में भी सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कौवा और गाय को खाना खिलाएं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कौए को पितरों का संदेशवाहक माना जाता है। इसलिए इस दिन सुबह-सुबह कौओं को भोजन और जल अर्पित करने से पितृदोष दूर होता है। इसी के साथ ही गाय को गुड़ और रोटी खिलाने से घर के सभी वास्तु और पितृ दोष दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं।

दक्षिण दिशा में घी का दीपक जलाएं

यमराज और पितरों की दिशा दक्षिण मानी जाती है। इसलिए सर्वपितृ अमावस्या वाले दिन शाम के समय घर की दक्षिण दिशा में घी का दीपक जरुर जलाएं। इसके साथ ही पूर्वजों की शांति प्रार्थना जरुर करें, ऐसा करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

घर का ईशान कोण साफ करें

इस दिन आप घर के ईशान कोण को जरुर साफ करें। क्योंकि यह ईशान कोण को ईश्वर का स्थान माना जाता है। इसके अगले ही दिन शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। इसलिए सर्वपितृ अमावस्या के दिन घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्वी दिशा को जरुर साफ करें। ऐसा करने से वास्तु दोष खत्म हो जाता है। इसके साथ ही आपके पूर्वज भी प्रसन्न रहते और घर सुख-शांति बनी रहती है।

 

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