Russia US tension: मॉस्को से आई गंभीर प्रतिक्रिया में रूसी रक्षा मंत्रालय के खुफिया विभाग (RuMoD) ने दावा किया है कि वाशिंगटन जानबूझकर प्रतिबंधों की धमकी देकर भारत और अन्य एशियाई देशों को मास्को के साथ रक्षा सौदों से पीछे हटाने की कोशिश कर रहा है। (Russia US tension)यह बयान मॉस्को इंटरनेशनल सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान RuMoD प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव ने दिया।
RuMoD क्या कहता है?
कोस्त्युकोव ने कहा कि अमेरिका की इस रणनीति का मकसद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना है। उनके अनुसार वाशिंगटन चाहता है कि इन देशों की सैन्य निर्भरता केवल अमेरिका पर बनी रहे, न कि रूस जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर।
“अमेरिका प्रतिबंधों की धमकी देकर भारत को S-400 जैसी डील रोकने के लिए मजबूर कर रहा है।” — इगोर कोस्त्युकोव, RuMoD प्रमुख
किस तरह के सौदों का जिक्र किया गया?
रूसी दावे के अनुसार, अमेरिका ने विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग दबाव डाले गए — उदाहरण के तौर पर भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, इंडोनेशिया के Su-35 फाइटर जेट और फिलीपींस के Mi-171 हेलिकॉप्टर जैसी डीलों को रोकने का प्रयास किया गया।
रूस के हथियार निर्यात पर असर
रूस की नाराज़गी का आर्थिक पहलू भी है: रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया है कि हालिया वर्षों में रूस के हथियार निर्यात में गिरावट आई है, और इसमें भारत का पश्चिमी देशों की ओर झुकाव एक बड़ी वजह बताया जा रहा है।
भारत के लिए रणनीतिक संतुलन की चुनौती
पर्यवेक्षक मानते हैं कि भारत की विदेश नीति में पारंपरिक साझेदार रूस और अब बढ़ती पश्चिमी साझेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखना कठिन हो गया है। भारत हमेशा से अपनी “स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी” पर चला है, पर CAATSA जैसी अमेरिकी कानून-व्यवस्थाएँ S-400 जैसे सौदों पर पहले भी प्रश्न खड़े कर चुकी हैं, जिससे नीति-निर्माताओं के सामने चुनौतियाँ बढ़ी हैं।
अगला कदम और संभावित प्रभाव
- यदि आरोप सही हैं, तो यह वैश्विक रक्षा साझेदारियों और क्षेत्रीय सामरिक संतुलन पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
- रूस-अमेरिका के बीच बढ़ी कड़वाहट से तीसरे देशों के लिए विकल्प चुनना और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- भारत जैसे देशों को अब अपनी रक्षा आवश्यकताओं और विदेश-नीति प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए जटिल निर्णय लेने पड़ सकते हैं।
नोट: यह रिपोर्ट रूसी स्रोतों और RuMoD के दावों पर आधारित है। इन दावों की स्वायत्त पुष्टि के लिए अन्य स्रोतों या आधिकारिक प्रतिक्रियाओं का सहारा लिया जाना चाहिए।