RSS की विचारधारा पर फिर गरमाया सियासी माहौल….दत्तात्रेय होसबोले ने खरगे को बताया “भ्रमित” नेता!

Dattatreya Hosabole

Dattatreya Hosabole:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने जबलपुर में आयोजित अखिल भारतीय बैठक में कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “संघ पर प्रतिबंध लगाने की बातें पहले भी तीन बार की जा चुकी हैं, लेकिन समाज ने संघ को पूरी तरह स्वीकार किया है।” होसबोले ने कहा कि प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कारण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संघ की 8399 शाखाएं (Dattatreya Hosabole) सक्रिय हैं और जनजातीय क्षेत्रों में विस्तार के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

 खरगे ने क्या कहा था?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर आरोप लगाया था कि NCERT की किताबों से गांधीजी, गोडसे और गुजरात दंगों से जुड़े विषय हटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने RSS से जुड़े सरकारी कर्मचारियों पर से बैन हटाकर गांधीजी की हत्या में शामिल संस्था को पुनः वैधता दे दी है।

 “संघ की विचारधारा जन-जन तक पहुंचे”

होसबोले ने कहा कि आने वाले समय में 86,000 हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे ताकि समाज में ‘पंच परिवर्तन’ और हिंदू एकता का संदेश पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही सरदार पटेल, गुरु तेग बहादुर और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती विशेष रूप से मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि “भगवान बिरसा मुंडा केवल जनजातीय नेता नहीं बल्कि पूरे समाज के प्रतीक थे, जिन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ संघर्ष किया।”

 मणिपुर हिंसा पर बोले RSS सरकार्यवाह

होसबोले ने कहा कि मणिपुर में हालात सुधर रहे हैं और सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। “एक ही राज्य के दो समुदायों को आपस में नहीं लड़ना चाहिए। धीरे-धीरे अच्छे दिन लौटेंगे।”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है और अब लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने युवाओं से राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने का आह्वान किया और नशे की लत को चिंता का विषय बताया।

RSS सरकार्यवाह ने कहा कि “धर्मांतरण एक सुनियोजित साजिश के तहत हो रहा है, इसे रोकने के लिए समाज को जागरूक होना होगा।” उन्होंने कहा कि RSS की बैठक में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई।

 जातिगत जनगणना और बंगाल की स्थिति पर विचार

होसबोले ने कहा कि जातिगत जनगणना को राजनीतिक नजरिए से नहीं, बल्कि सामाजिक असमानता दूर करने के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर चिंता जताई और कहा कि “राज्य में राजनीतिक विद्वेष बढ़ा है, केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए।” होसबोले ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से RSS लगातार घुसपैठ, धर्मांतरण और जनसंख्या असंतुलन जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि “जनसंख्या नियंत्रण लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।”

 

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